चिदंबरम का अनुच्छेद 370 पर बयान बेहूदा और बेमतलब का – जावड़ेकर

इन्दौर, जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के अधिकांश प्रावधान हटाए जाने को लेकर वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम के विवादास्पद बयान को केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सोमवार को बेहूदा और बेमतलब करार दिया। इसके साथ ही पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि लम्बे समय तक देश की सत्ता में रहने के बावजूद कांग्रेस ने इस सरहदी सूबे के अल्पसंख्यक वर्ग समेत समाज के विभिन्न वंचित तबकों को उनके जायज अधिकार देने के मामले में अन्याय किया था।
अनुच्छेद 370 पर केंद्र के फैसले की आलोचना करते हुए चिदंबरम ने कहा था कि यदि जम्मू-कश्मीर हिंदू बहुल राज्य होता, तो भाजपा नीत सरकार इस सरहदी सूबे से विशेष दर्जा नहीं छीनती। चिदंबरम के इस बयान को लेकर प्रतिक्रिया मांगे जाने पर जावड़ेकर ने यहां पत्रकारों से कहा, “अब ऐसे तर्कों का कोई मतलब नहीं है। कांग्रेस हमें बताए कि वह अपने 70 साल के राज के दौरान जम्मू-कश्मीर में अल्पसंख्यक वर्ग को शिक्षण संस्थान चलाने के अधिकार और सफाई कर्मचारियों को न्याय क्यों नहीं दिलवा सकी थी? पूर्ववर्ती कांग्रेस राज के दौरान जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 लागू होने के कारण वहां समाज के विभिन्न वंचित वर्गों को न्याय नहीं मिल पाता था। लेकिन इस अनुच्छेद के अधिकांश प्रावधान हटाने के बाद हम इन वर्गों को न्याय प्रदान कर रहे हैं।”
उन्होंने लगातार सवाल दागते हुए कहा, “कांग्रेस हमें इस सवाल का जवाब भी दे कि वह अपने राज के दौरान जम्मू-कश्मीर में शिक्षा का अधिकार (आरटीई) कानून और अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को आरक्षण की व्यवस्था लागू क्यों नहीं करा सकी थी? देश की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकारें इस राज्य में अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निरोधक कानून लागू क्यों नहीं करा सकी थीं? वहां आदिवासियों को वन अधिकार और व्हिसलब्लोअरों को सुरक्षा प्रदान क्यों नहीं की गयी थी?”
सूचना और प्रसारण मंत्री ने एक सवाल के जवाब में कहा, “मेरे पिताजी एक मीडिया संस्थान में उप संपादक थे और आपातकाल के दौरान प्रेस की आजादी के लिए मैंने अपनी युवावस्था के 16 महीने जेल में बिताए हैं। मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि हमारे राज में मीडिया की आजादी बरकरार रहेगी।”
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवराज सिंह चौहान द्वारा देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को “‘अपराधी”’ कहे जाने को लेकर प्रतिक्रिया मांगे जाने पर जावड़ेकर ने जवाब दिया, “मैंने शिवराज का कथित बयान सुना नहीं है। वैसे भी मेरे द्वारा किसी टिप्पणी की जरूरत नहीं है, क्योंकि वह इस मामले में खुद स्पष्टीकरण दे चुके हैं।”

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