विधानसभा में अनुदान मांगों पर चर्चा में मंत्रियों ने कहा, 17.72 लाख किसानों के 6179.32 करोड़ के कर्जे हुए माफ़

भोपाल, मध्यप्रदेश विधानसभा में अनुदान मांगों पर चर्चा हुई। इस दौरान अलग-अलग विभागों के मंत्रियों ने चर्चा में भाग लिया। चर्चा में भाग लेते हुए सहकारिता, सामन्य एवं संसदीय कार्य मंत्री डॉ. गोविन्द सिंह ने आज विधानसभा में विभागीय अनुदान मांगों पर चर्चा के उपरांत अपने जवाब में कहा कि सरकार द्वारा वचन-पत्र की पूर्ति करते हुए सहकारी बैंकों के माध्यम से 17.72 लाख कृषकों के रुपये 6179.32 करोड़ की ऋण माफी की गई है। सहकारी संस्थाओं में अतिशीघ्र भर्ती प्रारंभ की जायेगी। डॉ. गोविन्द सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार वचन-पत्र की पूर्ति के लिये लगातार कार्यवाही कर रही है। सरकार द्वारा सहकारी बैंकों के कुल 28.71 लाख कृषकों का ऋण माफ किया जाना है, जिसमें सहकारी बैंकों के माध्यम से 17.72 लाख कृषकों की रूपये 6179.32 करोड़ की ऋण माफ की गई है। डॉ. गोविन्द सिंह ने कहा कि प्रदेश में सहकारी संस्थाओं में भर्ती की प्रक्रिया शीघ्र चालू की जायेगी। साथ ही वहां कैडर सिस्टम भी लागू किया जायेगा। सहकारी संस्थाओं से निकाले गये कम्प्यूटर ऑपरेटर्स का कार्यकाल छह माह बढ़ाया जायेगा। सभी सहकारी समितियों को कम्प्यूटराईज्ड एवं ऑनलाईन किया जायेगा। ई-ट्रेंडरिंग प्रणाली भी चालू की जायेगी। डॉ. गोविन्द सिंह ने कहा कि प्रदेश में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के उत्थान के लिये 51 हजार 794 सहकारी सस्थाओं पंजीकृत है, जिनका नियमन सहकारिता विभाग करता है। सहकारी संस्थाएं प्रदेश के किसानों के लिये बिना ब्याज फसल ऋण प्रदाय, फसल बीमा योजना, प्राकृतिक आपदा में अल्पाधिक ऋण को मध्यावधि ऋण में परिवर्तन करने, उर्वरक वितरण, बीज वितरण, समर्थन मूल्य पर खरीदी, सार्वजनिक वितरण प्रणाली संचालन आदि का कार्य करती हैं। उन्होंने कहा कि सभी सहकारी संस्थाओं में अंकेक्षण की कार्यवाही समय पर की जायेगी।
डॉ. गोविन्द सिंह बताया कि प्रदेश में पूर्व में अनेक सहकारी संस्थाओं को समाप्त कर दिये जाने के कारण हजारों कर्मचारी बेरोजगार हो गये। बंद की गई सहकारी संस्थाओं को पुन: चालू करने के संबंध में सरकार द्वारा कार्यवाही की जाये। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ध्वस्त हो चुकी सहकारी साख संरचना को मजबूती देने तथा बैंकिग प्रणाली को विश्वनीय एवं आधुनिक बनाने की दिशा में कार्य कर रही है।
खाली पदों पर पहले अनुकम्पा नियुक्ति
सामान्य प्रशासन विभाग की अनुदान मांगों पर चर्चा के उपरांत डॉ. गोविन्द सिंह ने कहा कि प्रदेश में सभी शासकीय विभागों में रिक्त पड़े पदों की पूर्ति अभियान चलाकर की जायेगी। भर्ती नियमों का सरलीकरण किया जायेगा। खाली पड़े पदों पर भर्ती में पहले अनुकम्पा नियुक्ति को प्राथमिकता जायेगी। निजी उद्यमों में 70 प्रतिशत प्रदेश के निवासियों को रोजगार दिया जायेगा।

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