कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष ने बागी विधायकों का पक्ष सुना, बोले इस्तीफों पर विद्युत गति से फैसला संभव नहीं

बेंगलुरु,कर्नाटक के नाटक का अभी पटाक्षेप नहीं हुआ है। कर्नाटक विधानसभा में भारी सुरक्षा के बीच जब 10 विधायकों ने स्पीकर रमेश कुमार के समक्ष अपने इस्तीफे फिर से लिखकर प्रस्तुत किए तो उन्होंने कहा कि विधायकों ने इस्तीफा तो दे दिया है लेकिन वह विद्युत गति से काम करने के लिए बाध्य नहीं हैं। स्पीकर की यह टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश के विरुद्ध है जिसमें कहा गया है कि स्पीकर को इस्तीफों पर आज ही फैसला करना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि वह सभी इस्तीफों का सारी रात अध्ययन करेंगे और संवैधानिक परिप्रेक्ष्य में कोई निर्णय लेंगे। सर्वोच्च न्यायालय ने स्पीकर को यह निर्देश दिया था कि वह बागी विधायकों से मिलकर उनका पक्ष जाने और इस्तीफे पर निर्णय लें।
जो घटनाक्रम कर्नाटक में चल रहा है उसको लेकर अनिर्णय की स्थिति बनी हुई है। स्पीकर से बागी विधायकों की मुलाकात का वीडियो भी बनाया गया है। उधर बुधवार को विधानसभा से इस्तीफा देने वाले विधायक के। सुधाकर के साथ कांग्रेस तथा जनता दल सेकुलर नेताओं द्वारा दुर्व्यवहार करने और उन्हें कमरे में बंद करने का आरोप भी लगाया जा रहा है। इन सब के बीच सबसे बड़ा सवाल यह है कि यदि स्पीकर ने इस्तीफे स्वीकार कर लिए तो सदन में सत्तासीन जनता दल सेक्युलर -कांग्रेस गठबंधन की स्थिति क्या होगी।
बता दें कि इससे पहले आज ही सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कांग्रेस और जेडीएस के 10 बागी विधायकों की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था कि स्पीकर को उनके इस्तीफों पर आज ही फैसला लेना होगा। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने बागी विधायकों से कहा था कि वे शाम छह बजे तक स्पीकर के सामने पेश हों। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इस्तीफे पर स्पीकर जो आदेश जारी करेंगे, शुक्रवार को आदेश की कॉपी सुप्रीम कोर्ट में जमा होगी। बता दें, इन विधायकों ने कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष पर उनका इस्तीफा जानबूझकर स्वीकार नहीं करने का आरोप लगाया है।
हालांकि कोर्ट के आदेश के बाद विधानसभा अध्यक्ष भी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। स्पीकर ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करके और वक्त की मांग की है। कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा गया है कि उनका संवैधानिक कर्तव्य और विधानसभा नियम के मुताबिक वो ये सत्यापित करने के लिए बाध्य हैं कि विधायकों के इस्तीफे स्वैच्छिक या बिना डर के हैं या नहीं। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें वक्त नहीं दिया और उनकी अर्जी पर जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि हमने सुबह आदेश जारी कर दिया है। स्पीकर की ओर से पेश हुए वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि उनकी याचिका शुक्रवार को मुख्य मामले के साथ सुन ली जाए। सीजेआई ने कहा कि आप पहले रजिस्ट्री से संपर्क करें। इसके साथ ही कहा कि हम कल सुनवाई करेंगे।
स्पीकर ने याचिका में कहा है कि इस तरह की जांच को आज आधी रात तक पूरा नहीं किया जा सकता। साथ ही कहा है कि वह बागी विधायकों के खिलाफ शुरू की गई अयोग्यता कार्यवाही को भी देख रहे हैं और उसमें भी वक्त लगेगा। ऐसे में वो बागी विधायकों के इस्तीफे की स्वैच्छिक प्रकृति का फैसला करना कम वक्त में संभव नहीं है, क्योंकि इस मामले में उचित जांच की जरूरत है।

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