एमपी दुग्ध महासंघ भर्ती घोटाले में 70 पन्नों के चालान में व्यापमं के अधिकारी और दलालों के नाम

भोपाल, प्रदेश का बहुचर्चित दुग्ध महासंघ भर्ती परीक्षा-2012 घोटाला मामले में सोमवार को सीबीआई ने चालान पेश कर दिया है। विशेष न्यायाधीश शिवबालक साहू की अदालत में 70 पन्नों के चालान में व्यापमं के अधिकारी, दलाल और 10 अभ्यर्थियों के नाम हैं। सीबीआई ने मामले में संजीव सक्सेना सहित 23 आरोपितों के खिलाफ चालान पेश किया है। सीबीआई के चालान में आरोप है कि दुग्ध महासंघ भर्ती परीक्षा 2012 में 10 अयोग्य अभ्यर्थीयों को ओआरएम शीट में छेड़छाड़ कर उत्तीर्ण कर दिया गया। इस घोटाले को व्यापमं के अधिकारियों और सक्रीय दलालों के साथ षडयंत्र कर और आरोपित अभ्यर्थियों से मोटी रकम लेकर अंजाम दिया गया था। इसका खुलासा व्यापमं के कंप्यूटर एनालिस्ट नितिन मोहिन्द्रा से जब्त कंप्यूटर हार्डडिस्क से हुआ। इसकी जांच गांधीनगर, गुजरात स्थित डीएफएस संस्था में कराई गई थी।
हार्डडिस्क की जांच में पता चला था कि मोहिन्द्रा द्वारा एक्सलशीट बनाई गई थी जिसे लेटेस्ट 2012 नाम दिया गया था। इसी एक्सल शीट में 10 अभ्यर्थीयों और दलालों के नाम दर्ज थे। पूछताछ में आरोपित अभ्यर्थी विवेक गोस्वामी ने बताया था कि संजीव सक्सेना ने उसे दुग्ध महासंघ भर्ती परीक्षा में चयन कराने के लिए तीन लाख रूपए की रकम वसूली थी। इसी प्रकार पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा के ओएसडी ओपी शुक्ला ने आरोपित अभ्यर्थी नरेन्द्र पटेल और रामहेत उपाध्याय को उत्तीर्ण कराने के लिए मोटी राशि प्राप्त की थी। सारे घोटाले के दौरान दलालों और व्यापमं अधिकारियों ने मिलकर लाखों रूपए वसूल कर आपस में बांट लिए थे। मामले में एसटीएफ पूर्व में ही सभी आरोपितों के खिलाफ चालान पेश कर चुकी थी, लेकिन मामले की जांच सीबीआई को मिलने के बाद अंतिम चालान पेश किया गया।सीबीआई के चालान में आरोपित व्यापमं के नियंत्रक पंकज त्रिवेदी, कंप्यूटर एनालिस्ट नितिन मोहिन्द्रा, अजय कुमार सेन, सीके मिश्रा, दलाल तरंग शर्मा, संतोष गुप्ता, दिलीप गुप्ता, अखिलेश चतुर्वेदी, संजीव सक्सेना, देवेन्द्र सिंह रायपुरिया, चंद्रकांत रघुवंशी, विजय त्रिपाठी, ओपी शुक्ला शामिल हैं। जबकि 10 अभ्यर्थी को आरोपित बनाया गया है।

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