मेडिकल कालेज की जाँच में पायल तडवी पर जातिगत टिप्पणी की बात पता चली

मुंबई, मेडिकल कालेज में पोस्ट ग्रेजुएशन कर रही डॉ. पायल तडवी आत्महत्या केस में सनसनीखेज खुलासा हुआ है। टोपी वाला नेशनल मेडिकल कॉलेज की एंटी-रैगिंग कमेटी ने जांच में पाया है कि छात्रा को जातिगत टिप्पणी और उत्पीड़न का सामना करना पड़ा था। मेडिकल कालेज में पीजी की छात्रा तडवी (26) ने 22 मई को आत्महत्या कर ली थी।
पायल तड़वी आदिवासी समुदाय से आती थीं। अपना नाम गुप्त रखने की शर्त पर रैगिंग विरोधी समिति के एक सदस्य ने कहा हमने कई लोगों, उसके दोस्तों और साथी छात्रों से पूछताछ की और उनके बयानों की पुष्टि की। इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि पायल को उसकी जाति और जनजाति के मामले में उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा था। समिति में मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ अधिकारी, महाराष्ट्र एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (एमएआरडी) के प्रतिनिधि, पुलिस अधिकारी और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हैं। सदस्य ने कहा रिपोर्ट राज्य सरकार में उच्च अधिकारियों को भेज दी गई है।
मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने मंगलवार को बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसमें मेडिकल कॉलेज से जुड़े बीवाईएल नायर अस्पताल में तडवी के सीनियर आरोपी डॉक्टरों को हिरासत में लेने की ताजा मांग की गई। पायल को कथित तौर पर आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में तीन डाक्टरों-हेमा आहूजा, भक्ति मेहरे और अंकिता खंडेलवाल को गिरफ्तार किया गया है और वे तीनों अभी न्यायिक हिरासत में हैं।

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