मोदी कैबिनेट में 51 मंत्री करोड़पति, हरसिमरत की संपत्ति 217 करोड़ के साथ सबसे अमीर

नई दिल्ली,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नवगठित सरकार में 51 मंत्री करोड़पति हैं। इनमें सबसे ज्यादा अमीर शिरोमणि अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल हैं, जिनकी संपत्ति 217 करोड़ रुपये है। नैशनल इलेक्शन वॉच और असोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉम्र्स ने यह जानकारी दी। हरसिमरत के बाद महराष्ट्र से राज्यसभा सांसद पीयूष गोयल की संपत्ति 95 करोड़ रुपए है। गुरुग्राम से निर्वाचित राव इंद्रजीत सिंह तीसरे सबसे धनी मंत्री हैं और उन्होंने अपनी संपत्ति 42 करोड़ रुपए घोषित की है।
प्रधानमंत्री मोदी 46वें नंबर पर
इसके बाद चौथे नंबर पर भाजपा अध्यक्ष और गांधीनगर से सांसद अमित शाह हैं, जिनकी संपत्ति 40 करोड़ रुपये है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस सूची में 46वें नंबर पर हैं, जिनके पास 2 करोड़ रुपये की संपत्ति है। करीब 10 मंत्रियों के पास मोदी से कम संपत्ति है। इनमें बीकानेर से सांसद अर्जुन राम मेघवाल, मध्य प्रदेश के मोरनिया से सांसद नरेंद्र सिंह तोमर शामिल हैं, जिन्होंने करीब दो करोड़ रुपए की संपत्ति घोषित की है।
प्रताप चंद्र सारंगी सबसे नीचे
मुजफ्फरनगर से सांसद संजीव कुमार बालियान, अरुणाचल पश्चिम से सांसद किरण रिजूजू और उत्तर प्रदेश के फतेहपुर से सांसद साध्वी निरंजन ज्योति ने अपनी संपत्ति करीब 1 करोड़ रुपए घोषित की है। जो मंत्री करोड़पति नहीं हैं, उनमें बंगाल की रायगंज से सांसद देबाश्री चौधरी (61 लाख), असम के डिब्रूगढ़ से सांसद रामेश्वर तेली (43 लाख), केरल से सांसद वी. मुरलीधरण (27 लाख), राजस्थान के बाड़मेर से सांसद कैलाश चौधरी (24 लाख) और ओडिशा के बालासोर से सांसद प्रताप चंद्र सारंगी (13 लाख रुपये) शामिल हैं।
22 मंत्रियों पर आपराधिक मामले
एडीआर के मुताबिक 56 मंत्रियों में से 22 ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की जानकारी दी है, वहीं 16 ने गंभीर आपराधिक मामले होने की बात कही है जिनमें हत्या का प्रयास, सांप्रदायिक सौहार्द बिगाडऩे और चुनाव उल्लंंघन जैसे मामले शामिल हैं।
मोदी कैबिनेट में 47 मंत्री ग्रेजुएट
एडीआर ने कहा कि आठ मंत्रियों ने अपनी शैक्षणिक योग्यता 10वीं से 12वीं के बीच बताई है, वहीं 47 स्नातक हैं। एक मंत्री डिप्लोमा रखते हैं. तो वहीं लोक जनशक्ति पार्टी अध्यक्ष और उपभोक्ता मामलों, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान और विदेश मंत्री एस जयशंकर के हलफनामों का विश्लेषण नहीं किया गया है क्योंकि दोनों ही फिलहाल संसद के सदस्य नहीं है।

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