सूरत, गुजरात के सूरत शहर में एक भीषण अग्निकांड हादसे में एक व्यवसायिक परिसर में 21 लोगों की मौत के बाद पुलिस ने अब तक दो लोगों को गिरफ्तार किया है वहीं तीन लोगों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया गया है। जिन लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है उनमें बिल्डर, हर्षल वकारिया और जिग्नेश के अलावा कोचिंग सेंटर के मालिक भार्गव भुटानी शामिल हैं। घटना के बाद एहतियात के तौर पर शहर के सभी कोचिंग सेंटर्स के संचालन पर रोक लगा दी गई है। मरने वालों में 15 लड़कियां और 3 लड़के शामिल हैं। सभी की उम्र 15 से 22 साल के बीच थी। घटना के समय आर्ट्स कोचिंग में 60 बच्चे थे। 13 बच्चों ने दूसरी और तीसरी मंजिल से छलांग लगाई। इनमें से तीन की कूदने से मौत हुई। कोचिंग के संचालक को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।
हादसे के बाद से पूरे सूरत में मातम नजर आ रहा है वहीं मामले की जांच जारी है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार आग लगने के काफी देर बाद तक फायर ब्रिगेड वहां नहीं पहुंची थी जिसके कारण हादसा बड़ा हो गया।
सरकार ने शहरी विकास विभाग के सचिव को घटना की जांच करने और तीन दिन में रिपोर्ट देने को कहा है। इस बात की भी जांच की जाएगी कि इमारत में अवैध निर्माण तो नहीं हुआ था। फायर ब्रिगेड के आने तक आग बेकाबू हो गई। इसलिए बच्चों ने जान बचाने के लिए चौथी मंजिल से कूदना शुरू कर दिया। नीचे जमा स्थानीय लोगों ने कूद रहे बच्चों को कैच करना शुरू किया, ताकि बच्चों के सिर पर सीधी चोट न आए। इस तरह लोगों ने 10 बच्चों को बचा लिया। जबकि, एक बच्चे को नहीं बचाया जा सका। स्थानीय लोगों का आरोप है कि दमकल की गाड़ियां आग लगने के आधे घंटे बाद मौके पर पहुंचीं। लेकिन, उस वक्त उनके पास जरूरी उपकरण नहीं थे, जिनके जरिए आग में फंसे बच्चों को बाहर निकाला जा सके। वीडियो में दिखाई दे रहा है कि जिस वक्त बच्चे इमारत से छलांग लगा रहे थे, उस वक्त दमकल सामने खड़ी थीं। लेकिन, उनकी सीढ़ियां ऊपरी मंजिल तक नहीं पहुंच पाईं।