नई दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एनडीए संसदीय दल को संबोधित करते हुए कहा है कि कुछ राजनीतिक दलों ने अल्पसंख्यकों को ठगा है हमें इसे रोकना होगा। उन्होंने कहा कि गरीबों की तरह अल्पसंख्यकों को भी ठगा गया, बेहतर होता कि उनकी शिक्षा, स्वास्थय पर भी ध्यान दिया जाता। एनडीए द्वारा मोदी को अपना नेता चुने जाने पर मोदी ने कहा ‘ मैं सबसे पहले तो हृदय से आप सबका आभार व्यक्त करता हूं। बीजेपी ने संसदीय दल के नेता के रूप में सर्वसम्मति से मुझे चुना। एनडीए के भी सभी सासंदों ने व सभी दलों ने भी इसका समर्थन किया। औऱ इसके लिए मैं आपका हृदय से बहुत-बहुत आभारी हूं। यह हमारे सेंट्रल हॉल की यह घटना असमान्य घटना है। हम आज नए भारत के हमारे संकल्प को एक नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ाने के लिए यहां से एक नई यात्रा का आरंभित करने वाले हैं। देश की राजनीति में जो बदलाव आया है, अपने अपने स्तर पर आप सभी ने इसका नेतृत्व किया है। आप सभी इस बदलाव के प्रक्रिया के साक्षी भी हैं। आप सभी अभिनंदन के अधिकारी हैं।’
पीएम मोदी ने कहा ‘ विशेष रूप से जो पहली बार चुनकर के आए हैं वह विशेष अभिनंद के अधिकारी हैं। मैं उनको अनेक अनेक शुभकामनाएं देता हूं। पूरा विश्व का ध्यान भारत के इस चुनाव में था। यह चुनाव इतना बड़ा होता है कितना व्यापक होता है। इसकी व्यवस्था कैसी होती है यह विश्व के लिए एक अजूबा है। चुनाव आयोग ,राज्यों के चुनाव आयोग , सरकार से संबंधित सभी छोटे मोटे अधिकारी, सुरक्षाबल इन सब के कठोर परिश्रम का कालखंड होता है। मैं सभी को धन्यवाद करता हूं।इस अवसर पर भारत में तो चुनाव अपने आप में एक उत्सव था, मतदान भी अनेक रंगो से रंगा हुआ था लेकिन विजयउत्सव उससे भी ज्यादा शानदार था। न सिर्फ भारत में लेकिन पूरे विश्व में फैले भारतीय ने भारत के इस विजय उत्सव में जिस तरह से बढ़चढ़कर हिस्सा लिया है। यह भी अपने आपमें हम सबके लिए गर्व का अवसर है।’
मोदी ने कहा कि प्रचंड जनादेश, जिम्मेदारियों को भी बहुत बढ़ा देता है और जिम्मेदारियों को हम स्वीकार करने के लिए निकले हुए हैं, हम उसके लिए नई ऊर्जा और उमंग के साथ आगे बढ़ना है।
उन्होंने कहा ‘हमें भारत के लोकतंत्र को समझना होगा। दिन ब दिन भारत का लोकतंत्र इतना परिपक्व होता चला गया है कि आज हम कह सकते हैं कि सत्ता और सत्ता का रुतबा, भारत के मतदाता को कभी प्रभावित नहीं करता है। सत्ता भाव न भारत का मतदाता स्वीकार करता है न ही उसे पचा पाता है। इस देश की विशेषता है कि बड़े से बड़े सत्ता सामर्थ्य के सामने भी सेवा भाव को सिर झुका कर स्वीकार करता है और इसलिए चाहे हम बीजेपी से आए हो या एनडीए से आए हों जनता ने हमें स्वीकार किया है सेवाभाव के कारण।सत्ता के गलियारों में रहने के कारण भी सत्ता भाव से आलिप्त रहना इसके लिए हमें तैयार रहना पड़ता है। जीव मात्र की सेवा शिव की सेवा से कम नहीं है। यह सेवा भाव हमारे लिए और देश के उज्जवल भविष्य के लिए भी इससे बड़ा कुछ नहीं हो सकता है।’
उन्होंने कहा ‘आज एनडीए के भी सभी वरिष्ठ साथियों ने भी आशीर्वाद दिया है। आप सबने मुझे नेता के रूप में चुना है। मैं इसे एक व्यवस्था का हिस्सा मानता हूं। मैं भी बिल्कुल आपमें से एक हूं, आपके बराबर हूं और हमें कंधे से कंधा मिलाकर चलना है। एनडीए की यह ताकत है। लेकिन अगर कुछ गलत हो भी जाए तो एक सर ऐसा चाहिए जो ये सब झेले ताकि कंधे सलामत रहे। मैं आपके विश्वास पर जरूर खरा उतरूंगा।’
प्रधानमंत्री ने कहा ‘इस चुनाव में बहुत बड़ी विशेषता है। कहा जाता है कि चुनाव बांट देता है। दूरियां बढ़ा देता है लेकिन 2019 के चुनाव ने दीवारों को तोड़ने का काम किया है। 2019 के चुनाव ने दिलों को जोड़ने का काम किया है। 2019 का चुनाव एक प्रकार से समाजिक एकता आंदोलन बन गया है। समता भी ममता भी, समभाव भी और मनभाव भी। इसने इस चुनाव को नई ऊंचाई दी है। देश की जनता ने एक नए युग का आरंभ किया है। हम इसके साक्षी हैं। लंबे अर्से के बाद आम तौर पर हमारे देश में एक मूड बना। चुनाव आया है किसी को वोट देना है, ताकि कोई काम करें। इस बार देश भागीदार बना है। सिर्फ उसने 2014 में हमें बिठाया था नहीं 2014 से 2019 तक हमें चलाया भी है। 2014 से 19 वो भी हमारे साथ चला है। कभी कभी हमसे दो कदम आगे चला है। 2014-19 से उसने भागीदारी की।’
संसद के सेंट्रल हॉल में मौजूद एनडीए के नवनिर्वाचित सांसदों को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, कि कुछ भी ऑफ रिकॉर्ड नहीं होता। उन्होंने नये चुने गए सांसदों को सलाह दी कि मीडिया से कैसे बात करें, क्या करें क्या न करें। पीएम मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की एक सलाह का जिक्र करते हुए कहा कि हमें ‘छपास’ और ‘दिखास’, इन दो रोगों को पालने से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुछ भी ऑफ रिकॉर्ड नहीं होता। पहले लोग यह सवाल पूछते हैं कि पहली बार आप चुनकर आए तो कैसा लग रहा है… क्षेत्र के लिए क्या संदेश देना चाहेंगे… इत्यादि। आपको लगेगा कि आपको पूरा देश देख रहा है। फिर धीरे-धीरे यह एक रोग आपको लग जाएगा ‘छपास’ और ‘दिखास’।
पीएम मोदी ने नये निर्वाचित सांसदों से कहा ‘किसी के झांसे में आने की जरूरत नहीं है। जो आपके क्षेत्र के योग्य लोग हों उन्हें चुनिए और उनके साथ काम कीजिए। पीएम मोदी ने वीआईपी कल्चर से भी बचने का सलाह दी। उन्होंने कहा कि युग बदल रहा है, हमलोग भी अपने को बदलें। उन्होंने कहा कि हमें कतार में क्यों नहीं लगना चाहिए। हम भी तो देश के नागरिक हैं। हमारे बैग की चेकिंग क्यों नहीं होनी चाहिए। पीएम मोदी ने कहा कि देश की जनता जाग चुकी है। काफी सर्तक है। इसलिए कोई भी काम करें तो इसका ध्यान रखें। पीएम मोदी ने गांधी जी का जिक्र करते हुए कहा कि जब भी आप कोई काम करें तो उनकी बात को याद कर लें। महात्मा गांधी ने कहा था कि जब भी आप कोई काम करें तो कतार में खड़े आखिरी इंसान को एक बार जरूर देखें और सोचें कि आपका काम उनके लिए है या नहीं।’
इससे पहले लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद शनिवार की शाम को भाजपा संसदीय दल की बैठक हुई। इस बैठक में सभी ने सर्वसम्मति से नरेंद्र मोदी को औपचारिक तौर पर भाजपा संसदीय दल का नेता चुना । नरेंद्र मोदी को एनडीए दल का नेता चुने जाने पर पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने नरेंद्र मोदी को बधाई दी। इससे पहले शिरोमणि अकाली दल के नेता प्रकाश सिंह बादल ने पार्टी की ओर से इस प्रस्ताव समर्थन किया।एनडीए दल के नेता चुने जाने के लिए संसद भवन के सेंट्रल हॉल में एनडीए दलों की बैठक बुलाई गई थी। इस मौके पर एनडीए में शामिल दलों ने भी नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद के लिए समर्थन किया। समर्थन करने वालों में अकाली दल के नेता प्रकाश सिंह बादल, जेडीयू के नेता नीतीश कुमार, एलजेपी के नेता रामविलास पासवान, एआईएडीएमके आदि दल शामिल थे।