भोपाल, लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस के सामने सरकार बचाने की चुनौती है। कांग्रेस ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने के करीब ढाई महीने बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 27 जून को कैबिनेट की बैठक बुलाई है। सूत्रों का कहना है कि बैठक में मुख्यमंत्री सभी मंत्रियों से सामूहिक इस्तीफे ले सकते हैं। इसके बाद नए सिरे से मंत्रिमंडल का गठन किया जाएगा। इसमें युवा मंत्रियों को हटाकर वरिष्ठ विधायकों को कैबिनेट में स्थान दिया जाएगा। ताकि सरकार चलती रहे। दरअसल, प्रदेश में 15 साल बाद दिसंबर में कांग्रेस सरकार का गठन हुआ था। इसमें कई वरिष्ठ विधायकों को दरकिनार कर कई युवा चेहरों को कैबिनेट में शामिल किया गया था। जिससे कई वरिष्ठ विधायक असंतुष्ट चल रहे हैं, वे कई मौकों पर भुलकर अपनी नाराजगी व्यक्त कर चुके हैं। इसके अलावा सपा, बसपा और निर्दलीय विधायक भी उन्हें मंत्री बनाए जाने की इच्छा जाहिर कर चुके हैं। अब कैबिनेट में कांग्रेस के वरिष्ठ विधायकों के साथ ही सपा, बसपा और निर्दलीय विधायकों को स्थान दिया जाएगा।
मंत्रिमंडल विस्तार पर फैसला जल्द
सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ जल्द ही पार्टी नेताओं से नए मंत्रिमंडल के गठन को लेकर विस्तार से चर्चा करेंगे। सूत्रों का कहना है कि बैठक में कुछ युवा मंत्रियों को मंत्रिमंडल से बाहर करने को लेकर सहमति बनाने का प्रयास किया जाएगा। इसके साथ क्षेत्रीय और जातीय समीकरणों को भी साधने का प्रयास किया जाएगा। अभी ऐसी है मध्यप्रदेश सरकार
29 मंत्री हैं मुख्यमंत्री सहित
11 मंत्री हैं कमलनाथ गुट के
09 मंत्री हैं दिग्विजय गुट के
07 विधायक हैं सिंधिया गुट के