भोपाल, मध्यप्रदेश के कई शहरों को जोडने वाली सूत्र सेवा की कई बसें परमिट नहीं मिलने के कारण अभी तक चालू नहीं हो सकी है। इससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड रहा है। परमिट के अभाव में भोपाल से 34 शहरों के लिए सूत्र सेवा के तहत एसी और नॉन एसी बसें शुरु नहीं हो पा रही है। भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड (बीसीएलएल) की 75 बसों में से सिर्फ 27 बसें ही चालू हो पाई हैं। जबकि, 48 बसों को परमिट का इंतजार है। बीसीएलएल द्वारा भोपाल से दूसरे शहरों में बस संचालन के लिए चार क्लस्टर के तहत रूट तय किए गए हैं। इसमें कुल 110 बसों का संचालन होना है। इसमें 62 एसी और 48 नॉन एसी बसें शामिल हैं। खास बात ये है कि 48 में से 12 ऐसे परमिट हैं, जो दूसरे आरटीओ से जारी हो चुके हैं, लेकिन भोपाल आरटीओ से कांउटर साइन नहीं हो पा रहा है। जिससे ये बसें सड़क पर नहीं उतर पा रही हैं। इंटरसिटी बसों के लिए बीसीएलएल ने अहमदाबाद की चार्टर्ड स्पीड और कर्नाटक की श्री दुर्गम्मा का चयन किया है। भोपाल के साथ ही इंदौर से अन्य शहरों तक बस संचालन का जिम्मा चार्टर्ड स्पीड को मिला है। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जून 2018 में इंदौर से सूत्र सेवा की शुरुआत की थी। शुरुआत में बीसीएलएल ने भोपाल से जबलपुर के लिए दो बसें चालू की थी। 11 महीने बाद अब तक 27 बसें ही विभिन्न रूटों में चालू हो पाई हैं। अनुबंध के हिसाब से ऑपरेटर जिस भी क्लस्टर का जिम्मा लेगा, उसमें शामिल सभी शहरों के लिए बस चलाना होगा।
वायबिलिटी गैप फंडिंग के तहत अमृत योजना से ऑपरेटर को बसों के संचालन के लिए कुछ राशि दी जाएगी। कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से जीपीएस के माध्यम से बीसीएलएल बसों की निगरानी करेगा। समय पर न चलने, हर कहीं बस रोकने, तेज रफ्तार से चलाने पर ऑपरेटर के खिलाफ कार्रवाई करेगा। बीसीएलएल द्वारा तय किए गया किराया ही वसूला जा सकेगा। मालूम हो कि भोपाल से शुरू होकर झाबुआ, नीमच, सेंधवा, खरगौन, अलीराजपुर, आष्टा, राजगढ़, जबलपुर, अशोक नगर, जतारा, राजनगर के लिए इंटरसिटी बस सुविधा चालू हो चुकी है। जिन रूटों में परमिट का इंतजार है उनमें भोपाल से शुरू होकर उज्जैन, रतलाम, शाजापुर, सारंगपुर, डिंडोरी, मंडला, बकतरा, बैतूल, छिंदवाड़ा, टीकमगढ़, बालाघाट, पांढुर्ना, सारणी, गुना, सिरोंज, हरदा, पलेरा, नसरुल्लागंज, सिलवानी, बासोदा शामिल है। इस संबंध में बीसीएलएल के एडिशनल सीईओ राजेश राठौर का कहना है कि बीसीएलएल स्तर पर परमिट के लिए आरटीओ को प्रस्ताव भेजा जा चुका है, लेकिन आरटीओ स्तर पर मामला पेंडिंग है। समस्या ये है कि ऑपरेटरों की बसें खड़ी हैं। बैंकों की ईएमआई भी कट रही है, जिससे उनको नुकसान हो रहा है। आचार संहिता के चलते भी परमिट में देरी हुई है। हम फिर से परमिट के लिए प्रयास करेंगे। भोपाल के प्रभारी आरटीओ संजय तिवारी का कहना है कि आचार संहिता लगी हुई है, जिससे परमिटों की सुनवाई बंद है। आचार संहिता हटने के बाद परमिट जारी किए जाएंगे।