सालों से लग रहा बाजार पर ग्राम पंचायत रह गई खाली हाथ

शहडोल,जिले में ऐसी बहुत सी ग्राम पंचायतें हैं जहां साप्ताहिक हाट बाजार लगता है। साप्ताहिक हाट बाजार में दुकानें लगाने वाले व्यापारियों से बैठकी वसूली की जाती है और यह राशि पंचायत की आमदनी का एक बड़ा जरिया बनती है। अधिकांश ग्राम पंचायतें ऐसी हैं जहां साप्ताहिक हाट बाजार तो लगाया जाता है लेकिन उससे होने वाली आय का कोई हिसाब-किताब पंचायत के सरपंच-सचिव के पास नहीं है। तात्पर्य यह व्यापारियों से बैठकी के नाम पर वसूली जाने वाली उक्त राशि पंचायत के कर्ताधर्ताओं के स्वार्थ पूर्ति का माध्यम मात्र बनकर रह गई है। ऐसा ही एक मामला गोहपारू जनपद पंचायत के खन्नौधी ग्राम पंचायत में देखने को मिला है जहां लाखों रुपए की राशि हड़प ली गई है।
जनपद पंचायत गोहपारू क्षेत्र अंतर्गत रीवा-शहडोल मार्ग पर स्थित ग्राम पंचायत खन्नौधी एक बड़ी पंचायत मानी जाती है, साथ ही राजमार्ग पर स्थित होने के कारण इस गांव में दूर-दराज के बीसों गांव के लोगों का आना-जाना खरीद-फरोख्त के लिए होता है। लोगों की आवाजाही और खरीद-फरोख्त को देखते हुए शासन द्वारा ग्राम पंचायत के प्रस्ताव पर वहां साप्ताहिक हाट बाजार लगाए जाने की स्वीकृति प्रदान करते हुए उसकी समुचित व्यवस्था करने और व्यापारियों से बैठकी वसूली करने का दायित्व ग्राम पंचायत को सौंप दिया गया। ग्राम पंचायत सरपंच और सचिव द्वारा साप्ताहिक हाट बाजार में व्यापारियों की सुख सुविधाओं एवं बाजार में आने वाले ग्राहकों की समस्याओं के समाधान को दरकिनार कर सिर्फ बैठकी वसूली पर ध्यान केंद्रित किया गया और हर हफ्ते बाजार व्यक्ति के नाम पर हजारों रुपए वसूले जाने लगे लेकिन इसका कोई हिसाब नहीं रखा गया।
बाजार बैठकी वसूली की राशि के संबंध में मौजूदा सरपंच का कहना है कि उनके कार्यकाल में बैठकी वसूली के नाम पर जो भी राशि आई है उसका हिसाब पंचायत में मौजूद है और उसी से ग्राम विकास के कार्य भी किए जाते रहे हैं। लेकिन उनके कार्यकाल के पूर्व जब खन्नौधी ग्राम पंचायत के सचिव प्रभात द्विवेदी थे उस समय का कोई हिसाब-किताब पंचायत में जमा नहीं कराया गया और लाखों रुपए की राशि बाजार बैठकी के नाम पर वसूल कर उक्त सचिव द्वारा हड़प लिया गया। ग्राम पंचायत खन्नौधी के लोगों का कहना है कि पंचायत के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं द्वारा सिर्फ वसूली पर ही ध्यान दिया जाता रहा है। उक्त राशि कहां कब कैसे खर्च की जाती है राशि का कोई हिसाब पंचायत के पास न पहले उपलब्ध था और न ही अभी है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन एवं जनपद व जिला पंचायत के अधिकारियों से मांग की है कि साप्ताहिक हाट बाजार में व्यापारियों से बैठ के नाम पर वसूली गई राशि का हिसाब लिया जाए तथा वसूली से पंचायत को मिलने वाली आमदनी की राशि गांव के विकास पर खर्च की जाए ताकि साप्ताहिक हाट बाजार में आने वाले व्यापारियों और दूरदराज के ग्रामीण ग्राहकों को समुचित सुविधाएं मुहैया कराई जा सके।

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