नकली डिप्टी कलेक्टर बनकर नौकरी का झांसा दिया और 14 लाख ठगे

भोपाल, नकली अफसर बनकर एक बहरुपिए ने नौकरी लगवाने के नाम पर चौदह लाख रुपए का चूना लगा दिया। फर्जी डिप्टी कलेक्टर बनकर आधा दर्जन लोगों को नायब तहसीलदार, प्यून, कलेक्ट्रेट में ड्राइवर की नौकरी का दिलाने झांसा दिया। पीडितों की शिकायत पर पुलिस ने नकली अफसर को गिरफ्तार किया है। आरोपित नकली एसडीएम का ऐसा अभिनय करता था कि उसे कोई पहचान नहीं पाता था। वह इससे पहले भी सीहोर में फर्जी नायब तहसीलदार बनकर लोगों पर रौब गांठ चुका है। पुलिस ने एक कैब चालक की शिकायत पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर इस फर्जी अफसर को गिरफ्तार किया है। ओकाफ कॉलोनी बागफरहतअफ्जा ऐशबाग निवासी 40 वर्षीय इसरार खान रैपीडो ट्रैक्सी में काम करता है। तीन महीने पहले साकेत नगर बागसेवनिया में रहने वाले मुकेश राजपूत ने ट्रैक्सी बुक की थी। उसे कोर्ट से रंगमहल छोड़ना था। ट्रैक्सी में बैठने के बाद उन्होंने अपना परिचय डिप्टी कलेक्टर मुकेश राजपूत के रूप में दिया और कहा कि राजस्व संबंधित कोई काम हो तो बताना। साथ ही उसने झांसा दिया कि कलेक्ट्रेट में एक ड्राइवर को रखना है। इस पर इसरार ने अपने भाई अफरोज की नौकरी की बात की थी। साथ ही उसके दस्तावेज और सवा लाख रुपए दिए।
वहीं मुकेश ने भी इसरार को एक चेक दिया और बोला कि अगर नौकरी नहीं लगे तो यह चेक एक्सिस बैंक में डालकर रकम को निकाल लेना। यही नहीं मुकेश ने यह भी कहा कि किसी और को भी नौकरी चाहिए तो बताना। आरोपित मुकेश ने झांसे में आकर इसरार ने अपने परिचित राहुल यादव, लतीफ, बाबू हुसैन, देवेंद्र सिंह और सुनील, प्रवेश पवार को नौकरी के लिए मिलवाया। आरोपित ने इन लोगों को नौकरी दिलाने के नाम पर करीब 14 लाख 75 हजार रुपए ऐंठ लिए। सभी को उसने चेक देकर कहा था कि नौकरी नहीं लगे तो चेक बैंक डालकर निकाल लेना। मुकेश को रकम देने के बाद भी नौकरी नहीं मिली तो पीड़ितों ने पुलिस को खबर कर दी। उस समय मुकेश किसी मामले में पेशी पर जिला अदालत गया हुआ है। इसी बीच पुलिस ने घेराबंदी कर उसे मनोहर डेयरी के पास से पकड़ लिया। सख्ती से हुई पुलिस पूछताछ में सामने आया कि वह नकली एसडीएम बनाकर लोगों के साथ जालसाजी कर रहा था। वह होशंगाबाद का रहने वाला है। पुलिस उसका अपराधिक रिकार्ड भी खंगाल रही है।

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