शहडोल लोकसभा के पड़रिया में पानी नहीं मिलने पर मतदान बहिष्कार की चेतावनी

शहडोल, हम समस्त ग्रामवासी यह शपथ करते हैं कि हमारे ग्राम में पानी नहींं तो वोट नहीं के आधार पर हम सभी मतदान का बहिष्कार करने का प्रण लेते हैं। यह बात कलेक्टर शहडोल को ग्राम पड़रिया के ग्रामवासियों द्वारा सौंपे गए आवेदन में कही गई है।
ग्रामीणों ने अपने आवेदन में अवगत कराया कि ग्राम पड़रिया में लगभग 476 परिवार स्थाई रूप से निवास करते हैं जो ग्राम अनूपपुर जिले के सघन बॉर्डर पर है। गांव में पानी की गंभीर समस्या है जहां आज भी लोग गर्मी में पानी पीने के लिए नदी तालाब पर निर्भर है, वहीं से पानी लाकर अपना जीवन यापन करते हैं। यहां तक कि माध्यमिक शाला में पानी नहीं एवं प्राथमिक शाला में भी पानी की उपलब्धता नहीं है, साथ ही पंचायत भवन एवं मतदान केंद्र भी पानी की समस्याओं से जूझ रहा है।
मीलों दूर से आता है एमडीएम का पानी
ग्रामीणों ने बताया कि हमारे यहां के रसोईया मध्यान भोजन बनाने के लिए लगभग 2 किलोमीटर दूर से पानी लाकर भोजन पकाने का कार्य करते हैं। पीएचई द्वारा ग्राम में वर्ष 2015 में बोर पटेरिया के खरियाटोला में कराया गया था जिसमें पर्याप्त पानी था। जिसमें ग्राम पंचायत द्वारा प्रस्ताव कर नल जल वॉटर सेड योजना के लिए जैतपुर विधानसभा के विधायक जय सिंह मरावी को सहानुभूति प्रस्ताव पारित उपरांत दिया गया था जिसमें उनके द्वारा पीएचई द्वारा नल जल योजना के लिए सर्वे भी कराया गया और उस सर्वे को पीएचई विभाग को भेज दिया था लेकिन आज दिनांक तक उसमें कोई कार्यवाही नहीं की गई। जबकि नल जल योजना वाटर सप्लाई सरकार की प्रमुख योजनाओं में से एक है।
नहीं बना स्टापडैम
इसी तरह ग्राम पड़रिया कें सरईहा घाट में स्टॉप डेम स्वीकृत किया गया जिसका भूमि पूजन विधायक जय सिंह मरावी द्वारा किया गया लेकिन अभी तक कार्य किसी प्रकार से नहीं किया गया। ग्राम पड़रिया के भमरहा टोला में 2017 में एक बोर हुआ था जिसमें पानी मिला था लेकिन वर्तमान में बोर सूख गया पानी नहीं निकलता है। जिससे भमरहा टोला के समस्त ग्रामवासी तलाब में खुदाई कर पानी पीने जाते हैं।
मजबूरी में लिया निर्णय
कई बार ग्रामीणजनों के द्वारा शासन प्रशासन को उक्त समस्या को लेकर अवगत कराया गया लेकिन शासन की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया गया। इसलिए समस्त ग्रामवासियों ने यह शपथ लिया है कि हमारे ग्राम में पानी नहीं तो वोट नहीं के आधार पर हम सभी बोर्ड का बहिष्कार करने का प्रण लेते हैं। ग्रामीणों ने जिले के मुखिया सेे निवेदन किया है कि 28 अप्रैल के पूर्व पानी की समस्या से निजात प्राप्त नहीं हुई तो हम सभी मजबूरन चुनाव का बहिष्कार करेंगे।

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