जलियांवाला बाग हत्या कांड की 100 वीं बरसी, राहुल बोले ‘आजादी की कीमत भुलाई नहीं जा सकती’

अमृतसर, ब्रिटिश राज में पंजाब के जलियांवाला बाग मे हुए लोमहर्षक हत्याकांड की 100वीं बरसी पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पंजाब के अमृतसर पहुंच कर जलियांवाला बाग मेमोरियल में विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की। उनके साथ मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू भी मौजूद रहे। 1919 में ब्रिटिश सैन्यकर्मियों जनरल डायर के आदेश पर जलियांवाला बाग में मौजूद निहत्थे लोगों पर गोलियां बरसा दी थीं। इस नरसंहार में सैकड़ों लोग मारे गए थे। राहुल गांधी शुक्रवार रात को ही अमृतसर पहुंचे थे और शनिवार सुबह यहां पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की।
राहुल गांधी ने मेमोरियल की विजिटर बुक में संदेश लिखा, ‘आजादी के लिए जो कीमत चुकाई गई, उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता है। हम भारत के लोगों को सलाम करते हैं जिन्होंने देश की आबादी के लिए अपना सब-कुछ न्योछावर कर दिया।’ राहुल ने शुक्रवार रात को अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के दर्शन भी किए और अकाल तख्त में माथा टेका। राहुल गांधी के पहले भारत के ब्रिटिश उच्चायुक्त डॉम्निक ऐस्क्विथ ने भी जलियांवाला बाग मेमोरियल पहुंचकर मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी। वह अपने डेप्युटी के साथ आए थे। उन्होंने निहत्थी भीड़ पर ब्रिटिश सेना की फायरिंग को शर्मनाक कृत्य बताया। उन्होंने विजिटर बुक में लिखा, ‘100 साल पहले जलियांवाला बाग में गोलीकांड ब्रिटिश-भारतीय इतिहास में एक शर्मनाक कृत्य को दिखाता है। जो हुआ उसका हमें गहरा अफसोस है। मुझे इसकी खुशी है कि आज 21वीं सदी में ब्रिटेन और भारत एक साथ मिलकर विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं।’
ब्रिटिश पीएम माफी मांगें
इस मौके पर पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने इस नरसंहार पर ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे द्वारा खेद जताने को नाकाफी करार देते हुए शुक्रवार को कहा कि ब्रिटेन द्वारा औपचारिक माफी मांगने से कम कुछ भी स्वीकार्य नहीं होगा। जलियांवाला बाग हत्याकांड की शताब्दी के मौके पर शुक्रवार को अमरिंदर सिंह और पंजाब के राज्यपाल वीपी एस बदनौर ने शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए कैंडल मार्च निकालने वाले सैकड़ों लोगों का नेतृत्व किया। यह मार्च ऐतिहासिक टाउन हॉल से शुरू होकर जलियांवाला बाग मेमोरियल में समाप्त हुआ। इस दौरान इंकलाब जिंदाबाद के नारे लगाए गए। इस मौके पर अमरिंदर सिंह ने कहा कि जलियांवाला बाग नरसंहार भारत के इतिहास में एक दिल दहला देने वाला क्षण था और देश के लोग अत्याचार के लिए ब्रिटेन से एक सुस्पष्ट माफी चाहते हैं। औपचारिक माफी से कम कुछ नहीं स्वीकार्य होगा।

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