फरीदाबाद, सरकार ने एक्साइज पॉलिसी 2019-20 के तहत सालाना बार लाइसेंस फीस में 3 लाख रुपये की बढ़ोतरी की है। इससे बार में शराब पीना अब महंगा हो गया है। इस फैसले से बार संचालकों में भी नाराजगी है। बार संचालकों का कहना है वह पहले ही घाटे मार झेल रहे हैं। अब लाइसेंस फीस में बढ़ोतरी होने से उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है। लाइसेंस फीस बढ़ने से शराब के रेट में करीब 20 से 25 फीसदी की बढ़ोतरी तय मानी जा रही है। वहीं, इस बार संचालकों के लिए शराब बिक्री के लिए कुछ नए शर्तें भी लागू की गई हैं। जिन्हें पूरा नहीं करने पर अगले वर्ष उनका लाइसेंस निरस्त हो सकता है। वित वर्ष 2018-19 में बार की लाइसेंस फीस 12 लाख रुपये थे। इसकी एवज में उनकी के लिए कोई खास नियम व शर्तें लागू नहीं थीं। मगर वितीय वर्ष 2019-20 के लिए लागू की गई नई आबकारी नीति में बार की लाइसेंस फीस में 3 लाख रुपये की बढ़ोतरी की गई है। मोक्ष बार संचालक संजय का कहना है कि नई आबकारी नीति के तहत बार संचालक को हर माह विभाग से आईएमएफएल की पांच पेटी शराब खरीदनी होती। इसमें ब्लैक डॉग, सिमरन, ब्लेंडर्स प्राइड इत्यादि शराब शामिल है। इसके अलावा हर माह 5 पेटी बीयर और पांच लाख रुपये की फूड बिक्री होना अनिवार्य हैं। अगर फूड बिक्री 5 लाख रु से कम रहती है तो अगले वर्ष बार संचालक का लाइसेंस निरस्त हो सकता है।