एमएनएफ दर्जा छीनने का पाकिस्तान पर किस तरह का और क्या असर होगा जानिये

नई दिल्ली,कश्मीर के पुलवामा में गुरुवार को सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकवादी हमला हुआ। जिसमें 40 जवान शहीद हो गए हैं जबकि कई घायल हुए हैं। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। हर कोई पाकिस्तान से इसका बदला लेने की मांग कर रहा है। इसी बीच आज सरकार ने यह फैसला लिया है कि वह पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन (एमएनएफ) का दर्जा वापस ले लेगा। आज हम आपको बताते हैं कि एमएनएफ क्या होता है और इसका क्या प्रभाव पड़ता है।
क्या है एमएनएफ
विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के शुल्क और व्यापार पर सामान्य समझौता (गैट) के सिद्धांतों के अनुसार, जिसका भारत एक हस्ताक्षकर्ता/अनुबंध वाला सदस्य है, हर डब्ल्यूटीओ सदस्य देशों को अपने सभी दूसरे सदस्यों को मोस्ट फेवर्ड ट्रेडिंग पार्टनर के तौर पर समान व्यवहार करना चाहिए। डब्ल्यूटीओ कहता है, किसी को विशेष फेवर देना चाहिए (जैसे कि कस्टम ड्यूटी रेट को कम करना) और आपको ऐसा ही दूसरे डब्ल्यूटीओ सदस्यों के साथ करना होगा। एमएनएफ किसी को ऐसा दर्जा है जिसमें किसी भेदभाव के उन्हें व्यापारिक सुविधाएं दी जाती हैं।
कब मिला दर्जा
भारत 1 जनवरी 1995 को डब्ल्यूटीओ का सदस्य बना था। 1 साल बाद डब्ल्यूटीओ के सदस्य के तौर पर 1996 में भारत सरकार ने पाकिस्तान को मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा दिया था। लेकिन पाकिस्तान ने ऐसा नहीं किया।2015 में पाकिस्तान की व्यापार नीति की समीक्षा पर आई डब्ल्यूटीओ की रिपोर्ट के अनुसार, ‘पाकिस्तान भारत को गैर-भेदभावपूर्ण बाजार (एमएनएफ के समान) पहुंच प्रदान करने की प्रक्रिया में है।
क्या होगा नुकसान
डब्ल्यूटीओ के नियमों के अनुसार यदि कोई सदस्य देश किसी देश विशेष से एमएनएफ का दर्जा वापस लेता है तो ऐसा माना जाता है कि उसकी उस क्षेत्र विशेष में छवि खराब होती है। इसे पाकिस्तान अपने पक्ष में भुनाने की कोशिश कर सकता है। संभावना है कि दक्षिण एशिया में भारत की छवि खराब हो सकती है जहां उसका साफ्टा नामक मुक्त व्यापार का सदस्य है। साफ्टा में पाकिस्तान भी शामिल है।
ये होता है व्यापार
विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार भारत और पाकिस्तान के बीच 2 अरब डॉलर यानी कि 14 हजार करोड़ रुपये का व्यापार होता है। हालांकि इस व्यापार को 37 अरब डॉलर यानी 2.62 लाख करोड़ रुपए तक बढ़ाया जा सकता है यदि दोनों देश टैरिफ और उसपर लगने वाला अतिरिक्त शुल्क, शुल्क तय करने के जटिल और अपारदर्शी उपाय, व्यापार करने की ऊंची लागत और भरोसे की कमी जैसी बाधाओं को दूर कर देते। वहीं भारत का पाकिस्तान के साथ ९१ प्रतिशत व्यापार अनाधिकारिक है। पाकिस्तान अटारी-वाघा सीमा पर भारत से केवल 138 वस्तुओं को आयात करने की अनुमति देता है। पाकिस्तान ने एक नकारात्मक सूची बनाई हुई है जिसमें भारत के वो 1,209 आइटम शामिल हैं जिनका आयात नहीं किया जा सकता है।

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