मोदी का तंज, सुनते थे कि भूकंप आएगा, 5 साल में नहीं आया, आंखों की गुस्ताखियां भी देंखी

नई दिल्ली,लोकसभा में बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर चुटकी लेते हुए कहा कि वह कभी सुनते थे कि ‘भूकंप’ आयेगा लेकिन पांच साल में कोई ‘भूंकप’ नहीं आया। उन्होंने राफेल विमान सौदे के संदर्भ में कहा कि सदन में हवाई जहाज भी उड़े लेकिन लोकतंत्र की ऊंचाई इतनी है कि कोई भी हवाई जहाज उस ऊंचाई का तक नहीं पहुंच पाया। पीएम मोदी ने 16 वीं लोकसभा के अंतिम सत्र के अंतिम दिन अपने धन्यवाद भाषण में कहा कि आज विश्व में भारत का एक अलग स्थान बना है जिसका पूरा यश पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने वाले देश के 1.25 करोड़ देशवासियों को जाता है।
पीएम मोदी ने राहुल गांधी का नाम लिये बिना कहा कि हम कभी सुनते थे कि ‘भूंकप’ आयेगा लेकिन पांच साल का कार्यकाल पूरा हुआ और कोई ‘भूंकप’ नहीं आया। उन्होंने कहा कि कभी यहां हवाई जहाज उड़े। बड़े बड़े लोगों ने हवाई जहाज उड़ाए। लेकिन लोकतंत्र की ऊंचाई है कि भूकंप को भी पचा गया और कोई भी हवाई जहाज उस ऊंचाई तक नहीं पहुंच पाया। उन्होंने कहा कि 16 वीं लोकसभा सबसे अधिक महिला सांसदों के लिए जानी जाएगी, जिनमें 44 महिला सांसद पहली बार चुनकर आई थीं । उन्होंने कहा कि इस लोकसभा की न केवल अध्यक्ष बल्कि महासचिव भी महिला हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि कि हमारे कार्यकाल में देश विश्व की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना है। इसके लिए यहां बैठे सभी सदस्य बधाई के पात्र है, क्योंकि नीति-निर्धारण का काम यहीं हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्तमान लोकसभा के कार्यकाल में भारत छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना और 5000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज वैश्विक परिदृश्य में भारत का जो उच्च स्थान बना है। उसके लिए 2014 में, 30 साल बाद बनी पूर्ण बहुमत वाली सरकार जिम्मेदार है।
पीएम मोदी ने कहा कि इस सदन के सदस्य जब जनता के बीच जाएंगे, तो वे गर्व से इन 5 वर्षों में सदन द्वारा काले धन और भ्रष्टाचार के विरुद्ध बनाए गए कानूनों के विषय में बता सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस सदन के सदस्यों ने 1,400 से अधिक निष्क्रिय कानूनों को समाप्त करने का भी काम किया है। पहली बार इस सदन के सदस्यों ने अपना वेतन न बढ़ाकर, देश के सामने एक उदाहरण पेश किया है।
पीएम ने कहा कि हमारे कार्यकाल में देश विश्व की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना है। इसके लिए यहां बैठे सभी सदस्य बधाई के पात्र हैं, क्योंकि नीति-निर्धारण का काम यहीं हुआ है। कांग्रेस अध्यक्ष पर परोक्ष तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि मैं जब पहली बार यहां आया तो मुझे पता चला कि गले मिलना और गले पड़ना क्या होता है। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस अध्यक्ष गांधी ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान अपनी बात रखने के दौरान प्रधानमंत्री के पास जाकर उन्हें गले लगाया था।

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