हजारिका को भारत रत्न पर परिवार में मतभेद, बेटे का इनकार, भाई-भाभी सम्मान का नहीं करना चाह रहे निरादर

गुवाहाटी,प्रख्यात गायक भूपेन हजारिका को मरणोपरांत दिए गए देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न को लेने या न लेने पर हजारिका परिवार दो भागों में विभाजित हो गया है। बताया जाता है कि भूपेन हजारिका के अमेरिका में रह रहे बेटे तेज हजारिका ने पिता को दिए गए भारत रत्न को लेने से इनकार कर दिया है। दूसकी ओर, भूपेन हजारिका के भाई समर हजारिका और भाभी मनीषा हजारिका का मानना है कि देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न का अपमान नहीं किया जाना चाहिए। अमेरिका में रह रहे तेज हजारिका ने एक फेसबुक पोस्ट के जरिए स्थिति साफ की है। उन्होंने लिखा कई पत्रकार मुझसे पूछ रहे हैं कि मैं अपने पिता को दिए गए भारत रत्न को स्वीकार करूंगा या नहीं? उन्हें बता दूं कि मुझे अभी तक इसको लेकर कोई जानकारी नहीं दी गई है। ऐसे में स्वीकार करना या नहीं स्वीकार करने जैसी कोई बात नहीं है। उन्होंने आगे लिखा दूसरी बात तो मुझे आपत्तिजनक लगती है कि इस सम्मान को देने में केंद्र सरकार ने जिस तरह की जल्दबाजी दिखाई है, केंद्र सरकार ने इस सम्मान को देने में जिस तरह की जल्दबाजी दिखाई है और जो समय चुना है वह और कुछ नहीं बस सियासी लाभ हासिल करने का उपाय समझ में आता है। तेज ने बताया कि मैंने भारत रत्न देने को ‘चीप थ्रिल’ नहीं करार दिया है, बल्कि यह जिस समय दिया जा रहा है, उस पर सवाल खड़े किए हैं। ऐसे समय में जब पूर्वोत्तर के लोग नागरिकता (संशोधन) विधेयक के विरोध में सड़कों पर हैं, उनके ‘हीरो’ को भारत रत्न देना सवाल खड़े करता है। तेज ने साफ किया वह अपने पिता को दिया गया भारत रत्न तभी लेंगे, जब केंद्र सरकार नागरिकता (संशोधन) विधेयक वापस ले लेगी। यह विधेयक मंगलवार को राज्यसभा में पेश किया जा सकता है। हालांकि, तेज का परिवार उनकी राय से सहमत नहीं है। भूपेन हजारिका के भाई समर हजारिका ने कहा यह तेज का निर्णय है, मेरा नहीं। खैर मुझे लगता है कि उन्हें भारत रत्न लेना चाहिए। वैसे भी इसमें बहुत देर हो चुकी है। भूपेन हजारिका के गायन समेत अनेक क्षेत्रों में किए गए अवदान को देखते हुए यह सम्मान उन्हें पहले दिया जाना चाहिए था।
तेज हजारिका ने फेसबुक पोस्ट में लिखा मेरा मानना है कि मेरे पिता के नाम का ऐसे समय इस्तेमाल किया गया जब नागरिकता (संशोधन) विधेयक जैसे विवादित बिल को अलोकतांत्रिक तरीके से लाने की तैयारी की जा रही है। यह भूपेन दा की उस विचारधारा के बिल्कुल खिलाफ है, जिसका उन्होंने हमेशा समर्थन किया। उल्लेखनीय है कि पिछले माह गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर केंद्र सरकार ने भूपेन हजारिका, नानाजी देशमुख और पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न से सम्मानित करने की घोषणा की थी। भूपेन हजारिका पूर्वोत्तर राज्य असम से ताल्लुक रखते थे। अपनी मूल भाषा असमिया के अलावा भूपेन हजारिका ने हिंदी, बंगला समेत कई अन्य भारतीय भाषाओं में गाने गाए। उन्होंने फिल्म ‘गांधी टु हिटलर’ में महात्मा गांधी का पसंदीदा भजन ‘वैष्णव जन’ गाया था। उन्हें पद्मभूषण सम्मान से भी सम्मानित किया गया था। 8 सितंबर 1926 में भारत के पूर्वोत्तर राज्य असम के सदिया में जन्मे हजारिका ने अपना पहला गाना 10 साल की उम्र में गाया था। उनका निधन 5 नवंबर 2011 को हुआ था।

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