गुर्जर आंदोलनकारियों से सरकार की चर्चा बेनतीजा, ट्रैक पर जमाया डेरा बैंसला की खरी-खरी कहीं नहीं जाएंगे जो होगा, यहीं होगा

जयपुर, गुर्जरों के लिए 5 फीसदी आरक्षण की मांग को लेकर रेल की पटरियों पर कब्जा जमाए बैठे गुर्जर आंदोलनकारियों और सरकार के बीच शनिवार शाम हुई पहले दौर की बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला। सरकार की ओर से वार्ता का न्योता लेकर पहुंचे मंत्री विश्वेंद्र सिंह को गुर्जर नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने साफ कह दिया कि बातचीत के लिए कोई प्रतिनिधिमंडल कहीं नहीं जाएगा। जो बात होगी, यहीं पर रेलवे ट्रैक पर होगी। हमारा आंदोलन जारी रहेगा। इस बीच दिल्ली-मुंबई ट्रैक बाधित होने से ट्रेनें प्रभावित रहीं। जिससे हजारों यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
गौरतलब है कि बैंसला की अगुआई में गुर्जरों ने शुक्रवार को सवाईमाधोपुर के मलारना और नीमोदा स्टेशन के बीच रेलवे ट्रैक जाम कर दिया था। इससे दिल्ली और मुंबई के बीच ट्रेनों की आवाजाही बंद हो गई और राजस्थान के अलावा दूसरे राज्यों में भी यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। मंत्री विश्वेंद्र सिंह और वरिष्ठ आइएएस अधिकारी नीरज के. पवन वार्ता का न्योता लेकर शनिवार शाम धरनास्थल पहुंचे। विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि हम चाहते हैं कि गुर्जर समाज का एक प्रतिनिधिमंडल रविवार को जयपुर या ट्रैक के आसपास ही बातचीत के लिए आ जाए।
इसके जवाब में बैंसला ने कहा उनका कोई प्रतिनिधिमंडल कहीं नहीं जाएगा। जब केंद्र सरकार सात दिन में आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को दस प्रतिशत आरक्षण दे सकती है, तो हमें 14 साल से क्यों परेशान किया जा रहा है। सरकार से यहीं पर बात होगी। इसके बाद विश्वेंद्र सिंह ने कहा इस मसले पर वह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से बात करेंगे। सरकार मामले में कानूनी राय भी ले रही है। हम अपना प्रस्ताव लेकर यहां आ जाएंगे।
इस बीच राजस्थान भाजपा ने कहा है कि सरकार मामले का जल्द हल निकाले, क्योंकि आंदोलन से जनता को परेशानी हो रही है। भाजपा सरकार में मंत्री रहे अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि हमारी सरकार ने गुर्जर आरक्षण के लिए काफी गंभीर प्रयास किए थे, लेकिन यह संभव नहीं हो पाया। आरक्षण की मांग को लेकर सवाईमाधोपुर के मलारना और नीमोदा स्टेशन के बीच ट्रैक पर बैठे गुर्जरों का आंदोलन दूसरे दिन भी जारी रहा। गुर्जरों ने रात पटरियों पर ही गुजारी और दिनभर ट्रैक रोके बैठे रहे। इस बार ट्रैक पर बड़ी संख्या में महिलाएं भी पहुंचीं। आंदोलन का असर प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी नजर आया। दौसा के सिकंदरा और जयपुर के कोटपूतली में भी गुर्जर महापंचायतें हुई।
आंदोलन के कारण दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक की 22 गाडि़यां प्रभावित हुई हैं। पांच एक्सप्रेस ट्रेनें कोटा नहीं आई। निजामुद्दीन-इंदौर, इंदौर-नई दिल्ली, देहरादून एक्सप्रेस सहित दो ट्रेनें रद कर दी गई। पटना-अहमदाबाद ट्रेन का मार्ग बदला गया है। इसके साथ जयपुर-बयाना पैसेंजर को आंशिक रद्द कर दिया गया। हजरत निजामुद्दीन-उदयपुर ट्रेन को मार्ग बदलकर भरतपुर, बांदीकुई, अजमेर, चित्तौड़गढ़ रूट से निकाला गया। फिरोजपुर कैंट-मुंबई ट्रेन का मार्ग बदला गया। अहमदाबाद-श्री वैष्णो देवी कटरा ट्रेन का मार्ग भी बदला गया है। आंदोलन को देखते हुए हिंडौन-करौली मार्ग पर रोडवेज बसों का संचालन बंद कर दिया गया।
यहां गुडला गांव में गुर्जरों द्वारा जाम लगाने से रोडवेज बसें रोकी गई। करौली-हिंडौन मार्ग पर वाहनों का आवागमन पूरी तरह बंद कर दिया गया। इससे करौली होकर जाने वाली भरतपुर, अलवर, जयपुर, मथुरा और उदयपुर की बसों का रोडवेज ने संचालन बंद कर दिया। अब 11 फरवरी से जयपुर-आगरा हाईवे भी रोकने की चेतावनी दे दी गई है। सिकंदरा में गुर्जर महापंचायत में यह फैसला किया गया।

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