लखनऊ, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने बसपा मुखिया मायावती और उनकी पार्टी के चुनाव चिह्न हाथी की मूर्तियां लगवाने के संबंध में उच्चतम न्यायालय की टिप्पणी पर कहा कि मायावती जी के वकील अदालत में अपना पक्ष जरूर रखेंगे। अखिलेश ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने क्या कहा है, अभी इसकी पूरी जानकारी नहीं है। मैं समझता हूं कि बसपा नेता के वकील अपना पक्ष रखेंगे। यह कोई शुरुआती टिप्पणी हो सकती है मेरी जानकारी में अभी नहीं है। अखिलेश से उच्चतम न्यायालय की की गई उस टिप्पणी के बारे में सवाल किया गया था जिसमें कोर्ट ने कहा है हमारा ऐसा विचार है कि मायावती को अपनी और अपनी पार्टी के चुनाव चिह्न की मूर्तियां बनवाने पर खर्च हुआ सार्वजनिक धन सरकारी खजाने में वापस जमा करना होगा। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने एक अधिवक्ता की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की।
बता दे कि वर्ष 2012 में अपने शासनकाल में मायावती की क्षतिग्रस्त मूर्ति को बदलवाने के एक सवाल पर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा हमें उन्हें सम्मान देना था, इसकारण दूसरी मूर्ति लगाई थी। यह क्या बात हुई। सम्मान देना समाजवादियों का काम है। समाजवादी इसी रास्ते पर चलने वाले है। उन्होंने एक अन्य सवाल पर कहा कि सपा-बसपा का गठबंधन जनता का गठबंधन है।एक-दूसरे के सम्मान का गठबंधन है, इसकारण यह चलेगा।