भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच अहम सामरिक समझौतों पर बनी सहमति

नई दिल्ली, भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच अहम सामरिक समझौतों पर अहम सहमति बनी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत यात्रा पर आए दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने शुक्रवार को रक्षा, सुरक्षा, कारोबार, निवेश, शिक्षा, विज्ञान तथा बहुस्तरीय मंचों पर आपसी सहयोग बढ़ाने को लेकर व्यापक चर्चा की, साथ ही दोनों देशों ने तीन वर्षीय सामरिक कार्यक्रम पर मुहर लगाई। प्रधानमंत्री मोदी ने दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति रामफोसा से बातचीत के बाद कहा, हमने हमारे द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं पर चर्चा की। हम दोनों इन संबंधों को एक नए स्तर पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। दोनों पक्षों के बीच वार्ता में भारत एवं दक्षिण अफ्रीका ने तीन वर्षीय सामरिक कार्यक्रम पर मुहर लगाई।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया कि दोनों नेताओं ने रक्षा एवं सुरक्षा, निवेश एवं कारोबार, कौशल विकास, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, शिक्षा, तकनीकी सहयोग एवं बहुस्तरीय मंचों पर सहयोग बढ़ाने को लेकर व्यापक चर्चा की। प्रधानमंत्री ने अपने प्रेस बयान में कहा, हमारे लिए बहुत हर्ष का विषय है कि भारत के अभिन्न मित्र, राष्ट्रपति रामफोसा आज हमारे बीच मौजूद हैं। उनके लिए भारत नया नहीं है, लेकिन राष्ट्रपति के रूप में यह उनकी पहली भारत यात्रा है। और उनकी यह भारत यात्रा हमारे संबंधों के एक विशेष मुकाम पर हो रही है। दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति रामफोसा ने कहा कि उनका देश तीन वर्षीय सामरिक आदान-प्रदान कार्यक्रम के जरिये भारत के साथ अपने गठजोड़ को परिणामोन्मुखी बनाने को आशान्वित है। इस सामारिक कार्यक्रम के तहत रक्षा, सुरक्षा, कारोबार, निवेश, समुद्री अर्थव्यवस्था, आईटी एवं कृषि क्षेत्र समेत विविध विषयों से जुड़े कार्यक्रम आएंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस वर्ष महात्मा गांधीजी की 150वीं वर्षगांठ है। पिछले वर्ष नेल्सन मंडेला जी की जन्म-शताब्दी का वर्ष था। और पिछले साल हमारे राजनयिक संबंधों की रजत-जयंती भी थी। मुझे बहुत प्रसन्नता है कि इस विशेष मुकाम पर राष्ट्रपति रामफोसा भारत आए हैं। और उनकी यह भारत यात्रा हमारे लिए और भी विशेष महत्व रखती है, क्योंकि कल वे भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। मोदी ने कहा कि आज राष्ट्रपति रामफोसा के साथ बातचीत में दोनों देशों ने अपने संबंधों के सभी आयामों की समीक्षा की। दोनों देशों के बीच व्यापार एवं निवेश के संबंध और अधिक प्रगाढ़ हो रहे हैं और द्विपक्षीय व्यापार 10 अरब डालर से भी अधिक है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष “वाइब्रेंट गुजरात” में दक्षिण अफ्रीका ने सहयोगी देश के रूप में हिस्सा लिया है। और दक्षिण अफ्रीका में निवेश बढ़ाने के राष्ट्रपति रामफोसा के प्रयासों में भारतीय कंपनियां बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रही हैं। दक्षिण अफ्रीका के कौशल विकास प्रयासों में भी हम साझेदार हैं। प्रिटोरिया में शीघ्र ही गांधी-मंडेला कौशल संस्थान की स्थापना होने वाली है। प्रधानमंत्री ने कहा, हम दोनों इन संबंधों को एक नए स्तर पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। और इसलिए, आज कुछ ही देर में हम दोनों देशों के प्रमुख कारोबारी नेताओं के साथ मुलाकात करेंगे।
मोदी ने कहा कि विश्व का मानचित्र देखें तो यह स्पष्ट है कि भारत और दक्षिण अफ्रीका, दोनों ही हिन्द महासागर में बहुत महत्वपूर्ण स्थानों पर स्थित हैं। दोनों विविधताओं से परिपूर्ण लोकतांत्रिक देश हैं। उन्होंने कहा कि रामफोसा महात्मा गांधी और नेल्सन मंडेला की विरासत के उत्तराधिकारी हैं। और इसलिए, हम दोनों का व्यापक वैश्विक नजरिया एक दूसरे से काफी मेल रखता है। ब्रिक्स, जी-20, इंडियन ओशन रिम एसोसिएशन, ईब्सा, जैसे अनेक मंचों पर हमारा आपसी सहयोग और समन्वय बहुत मजबूत है। प्रधानमंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सुधारों पर भी हम साथ मिल कर काम कर रहे हैं। राष्ट्रपति की इस भारत यात्रा के कार्यक्रम का एक विशेष अंग आज आयोजित किया जा रहा पहला “गांधी-मंडेला स्वतंत्रता भाषण” होगा जिसे सुनने के लिये पूरा भारत, और पूरा दक्षिण अफ्रीका उत्सुक है।

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