भोपाल, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर ने विगत दिवस, यह कहकर सभी को चौंका दिया कि उनसे पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मिलकर कांग्रेस की टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ने का आमंत्रण दिया है। गौर के इस बयान से भाजपा में हड़कंप मचा हुआ है।
लगभग 30 वर्षों से भोपाल संसदीय क्षेत्र मैं भाजपा का कब्जा है। बाबूलाल गौर को भाजपा ने विधानसभा की टिकट नहीं दी। जब उन्होंने दबाव बनाया तब उनकी बहू कृष्णा गौर को भाजपा ने टिकट देकर, गौर साहब को भाजपा से सेवानिवृत्त मान लिया था।
अब सेवानिवृत्त पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर ने एक बार फिर भाजपा के ऊपर दबाव बनाया है। उन्हें भोपाल संसदीय क्षेत्र से या तो लोकसभा की टिकट देकर सक्रिय राजनीति में रहने दिया जाए। अन्यथा वह कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़कर सक्रिय राजनीति में बने रहेंगे। गौर साहब के बारे में यह कहावत बिल्कुल सटीक बैठती है, कि बंदर कितनी बूढा क्यों ना हो जाए। कुलाटी मारना नहीं छोड़ता है। उसी तरह पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर भी राजनीति के जितने भी दांव पेंच है। वह कितने भी बूढे हो जाए, वह भूले नहीं हैं। समय आने पर कुलाटी जरूर लगा देते हैं।