सब्जी बेचने वाला बना 33 करोड़ का तो पकौड़े वाला बना 50 करोड़ का आसामी!

करनाल,हरियाणा के करनाल वस्तु सेवा कर (जीएसटी) मामले में बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। दरअसल, सब्जी बेचने वाला एक दुकानदार 33 करोड़ का टर्नओवर देने वाली कंपनी का मालिक कागजों में है और वहीं उसके दामाद के नाम 50 करोड़ की कंपनी है। यह मामला ऐसे करोड़पतियों का है, जिनका नाम जीएसटी के दस्तावेजों में करोड़पतियों के तौर पर है, लेकिन हकीकत कुछ और ही है।
पानीपत में पकड़े गए जीएसटी फर्जी बिलिंग मामले में दो फर्मों के मालिक करनाल में हैं। एक फर्म श्री साई ओवरसीज सुभाष सेठी के नाम से रजिस्टर्ड है। कंपनी की टर्नओवर 33 करोड़ है। कागजों में फर्म का मालिक सुभाष है, लेकिन वह हकीकत में फड़ी लगाकर सब्जी बेचता है। दूसरी फर्म श्री बाला जी इंटरप्राइजिज कंपनी उसके दामाद बलविंद्र के नाम पर रजिस्टर्ड है, जबकि बलजिंद्र पकौड़ों की रेहड़ी लगता है, यह 50 करोड़ की कंपनी है।
सुभाष ने बताया कि सन अप्रैल 2016 में पुरानी सब्जी मंडी में लगने वाली फडिय़ों और रेहडिय़ों को नई सब्जी मंडी में शिफ्ट कर दिया गया। सुभाष उर्फ शंभू भी पुरानी सब्जी मंडी में फड़ी लगाता था। अब नई जगह पर मंडी लगने से उनका काम भी प्रभावित हो गया। 4 जुलाई 2017 में लोन दिलाने के नाम पर उनसे पड़ोस के रहने वाले महिंद्र बहल ने आइडी ली थी। काम बढ़ाने के लिए मिलने वाले इस 50 हजार रुपये के ऋण में सिर्फ एक तिहाई पैसों का ही भुगतान करना था, इस लालच में आकर उसने हामी भर दी। सुभाष ने बताया कि महिंद्र ने आइडी लेने के करीब 10 दिन बाद उन्हें पानीपत के एक होटल में बुलाया गया। जहां कई पेज पर उसके हस्ताक्षर कराए और फोटो भी लिए। यहां उसे यह बताया गया कि ऋण पानीपत में मिलना है। सुभाष के साथ ही दामाद बलविंद्र के भी कागज जमा हुए थे। आरोप है कि और उनके दामाद बलविंद्र की आईडी को यूज करके ही ये फर्जी फर्म रजिस्टर्ड कराई गई, जिनसे फर्जी बिलिंग हुई है। उन्होंने महिंद्र के खिलाफ करनाल और पानीपत पुलिस, सीएम विंडो व जीएसटी के अधिकारियों को भी शिकायत की हुई है।

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