दिल्ली कैंट के 1984 के सिख दंगे में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को उम्रकैद

नई दिल्ली,दिल्ली हाई कोर्ट ने 1984 में हुए सिख दंगे मामले में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा दी है। कोर्ट के इस फैसले के बाद सज्जन कुमार को गिरफ्तार किया जा सकता है। यह मामला 1984 में दिल्ली कैंट में हुए सिख दंगों से जुड़ा हुआ है जिसमें 5 सिखों की हत्या कर दी गई थी। हाईकोर्ट ने सज्जन कुमार को धारा 302 के तहत हत्या का दोषी करार दिया है। इसी आधार पर उम्रकैद की सजा सुनाई है। इस मामले में जांच एजेंसी सीबीआई ने कांग्रेस नेता सज्जन कुमार सहित 6 लोगों को आरोपी बनाया था। उल्लेखनीय है कि अप्रैल 2013 में निचली अदालत ने अपने फैसले में सज्जन कुमार को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था। 5 अन्य लोगों को दोषी ठहराया था।
इस मामले में निचली अदालत ने कैप्टन भागमल, पूर्व कांग्रेस पार्षद बलवान खोखर, गिरधारी लाल और दो अन्य को दोषी ठहराया था। इनमें से तीन को उम्र कैद की सजा और 2 को 3-3 साल कैद की सजा सुनाई गई थी। निचली अदालत के फैसले के खिलाफ जांच एजेंसी सीबीआई और सिख दंगा पीड़ितों ने दिल्ली हाईकोर्ट में सज्जन कुमार को बरी किए जाने के फैसले को चुनौती दी थी।
दिल्ली हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान सीबीआई ने दलील देते हुए दिल्ली पुलिस की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए। इस मामले में दिल्ली पुलिस की भूमिका सवालों के घेरे में है। दिल्ली पुलिस ने राजनेताओं को बचाने की कोशिश की थी. सीबीआई ने कहा कि पीड़ितों ने सज्जन कुमार का नाम लिया था इसके बाद भी पुलिस ने सज्जन का नाम छोड़कर अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर दिये। हाईकोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद 27 अक्टूबर को अपना फैसला सुरक्षित रखा था।

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