अंकिता और करमन ने बताया सफलता का राज

नई दिल्ली,युगल खिलाड़ियों अंकिता रैना और करमन कौर थांडी का मानना है कि कोर्ट पर परिपक्वता और परिस्थितियों को समझने की क्षमता के कारण उन दोनों की युगल जोड़ी हाल में सफल रही है। अंकिता और करमन ने पहले ताइपै में अपना पहला डब्ल्यूटीए युगल खिताब जीता और फिर पिछले सप्ताह पुणे ओपन की ट्रोफी जीतकर लगातार दो खिताब अपने नाम किए।
ये दोनों खिलाड़ी हालांकि तय नहीं हैं कि वे कितने समय तक मिलकर खेलना चाहती हैं, लेकिन अगर वे एक ही टूर्नमेंट में खेल रही हो तो फिर उनकी जोड़ी बनी रहेगी। इन दोनों ने जोड़ी बनाने के बाद ही सकारात्मक परिणाम हासिल किए और उन्होंने कुछ चीजों को समझा जिनसे उन्हें सफलता मिली। अंकिता ने कहा, ‘ताइपै में ही हमने महसूस किया कि अन्य खिलाड़ियों की तुलना में हमारा संयोजन और संवाद अलग स्तर का है। अच्छे प्रदर्शन के लिये यह जरूरी है। अंक गंवाने पर आपसी संवाद काफी महत्व रखता है।’ उन्होंने कहा, ‘कई अवसरों पर एक खिलाड़ी का दिन नहीं होता है और उस दिन दूसरे खिलाड़ी की भूमिका अहम हो जाती है।’ करमन ने कहा, ‘ किसी गलती पर हमें एक दूसरे पर गुस्सा नहीं दिखाना है और सकारात्मक बने रहना है। इससे अधिकतर सुपर टाईब्रेकर में पिछड़ने के बावजूद हम वापसी करने में सफल रहे।’
इन दोनों खिलाड़ियों ने एक दूसरे में क्या खास गुण देखा जो कि उन्हें अन्य जोड़ीदारों में नहीं दिखा। करमन ने कहा, ‘‘कोर्ट पर उनकी परिपक्वता। वह दबाव की परिस्थितियों को अच्छी तरह से संभालती है और मुझे सकारात्मक बनाए रखती है। सबसे अहम एक दूसरे को खेल को समझना और अपने मजबूत पक्षों का उपयोग करना है।’ पच्चीस वर्षीय अंकिता ने कहा कि 20 वर्षीय करमन उनकी सलाह को मानती है। अंकिता ने कहा, ‘‘मैं टूर पर कुछ खिलाड़ियों को पहले से जानती हूं और अगर मैं किसी खास शैली के खेल की बात करती हूं तो उसे सुनती है और स्वीकार करती है। वहीं कुछ खिलाड़ी ऐसा नहीं करतीं।’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *