लंदन कोर्ट ने विजय माल्या के प्रत्यर्पण को दी मंजूरी, 14 दिन में कर सकेंगे ब्रिटिश उच्च न्यायालय में अपील

नई दिल्ली,भारतीय बैंकों के साथ धोखाधड़ी कर भागे शराब कारोबारी विजय माल्या को लंदन कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सोमवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने विजय माल्या के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी। आपको बता दें कि अगुस्टा वेस्टलैंड केस में कथित दलाल क्रिश्चियन मिशेल को प्रत्यर्पित कर भारत लाने के बाद सरकार के लिए यह दूसरी अच्छी खबर आई है। सीबीआई ने लंदन कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। अब माल्या के प्रत्यर्पण का मामला सेक्रटरी ऑफ स्टेट के पास भेज दिया गया है। किंगफिशर एयरलाइंस के प्रमुख रहे 62 वर्षीय माल्या पर करीब 9,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है। पिछले साल अप्रैल में प्रत्यर्पण वॉरंट पर गिरफ्तारी के बाद से माल्या जमानत पर है। मुख्य मैजिस्ट्रेट जज एम्मा आबुथनॉट ने माल्या के मामले में फैसला सुनाया।
दरअसल, उन्हें यह फैसला सुनाना था कि क्या माल्या का भारत प्रत्यर्पण किया जाना चाहिए और उनके खिलाफ सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा लगाए गए आरोपों पर मुकदमा चलना चाहिए। अब केस को ब्रिटेन के गृह विभाग के पास भेजा गया है और गृहमंत्री को इस पर फैसला लेना है। गौर करने वाली बात यह है कि माल्या इस फैसले को ब्रिटिश उच्च न्यायालय में चुनौती दे सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि माल्या अपने खिलाफ मामले को राजनीति से प्रेरित बताते रहे हैं। हालांकि, माल्या ने ट्वीट कर कहा, मैंने एक भी पैसे का कर्ज नहीं लिया। कर्ज किंगफिशर एयरलाइंस ने लिया था। दुखद कारोबारी विफलता की वजह से यह पैसा डूबा है। गारंटी देने का मतलब यह नहीं है कि मुझे धोखेबाज बताया जाए। माल्या ने कहा कि मैंने मूल राशि का 100 प्रतिशत लौटने की पेशकश की है। इस स्वीकार किया जाए। विजय माल्या के खिलाफ प्रत्यर्पण का मामला मजिस्ट्रेट की अदालत में पिछले साल चार दिसंबर को शुरू हुआ था।

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