140 सीटें जीतेगी कांग्रेस, कमलनाथ का प्रत्याशियों को ज्ञान, 11 को इवीएम पर रखो नजर

भोपाल, भाजपा की कैबिनेट बैठक के दूसरे दिन गुरुवार को कांग्रेस के सभी प्रत्याशियों की जमावट हुई। बैठक का नेतृत्व प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने किया। पार्टी के 229 प्रत्याशियों में से 10 प्रत्याशी अनुपस्थित रहे। कमलनाथ ने सभी प्रत्याशियों को मतगणना के दिन 11 दिसंबर को विशेष रूप से तैयार रहने को कहा। मतगणना में किसी भी तरीके की गड़बड़ी ना हो, इसके लिए कांग्रेस ने विशेष प्लान बनाया। बैठक में तकनीकी विशेषज्ञ भी मौजूद रहे जिन्होंने मतगणना में गड़बड़ी रोकने की ट्रेनिंग दी। कमलनाथ के साथ विवेक तन्खा भी शामिल रहे। विशेषज्ञों ने बताया कि कैसे उन्हें मतगणना के दिन सुरक्षा और सावधानी बरतनी है. कैसे गड़बडिय़ों को पहचानना और रोकना है। बैठक में अरुण यादव, रामनिवास रावत, ओम पटेल और देवेन्द्र पटेल सहित कुछ उम्मीदवार नहीं पहुंचे। प्रत्याशियों की बैठक के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने पत्रकारों से कहा कि कांग्रेस मध्यप्रदेश में 140 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत से सरकार बनाएगी।
गुजरात, कर्नाटक से मिली सीख
कमलनाथ ने कहा, चुनाव भाजपा और मतदाता के बीच था। पार्टी ने गुजरात और कर्नाटक चुनाव में कुछ ग़लतियां की थीं। उन गलतियों से सबक लेकर हमने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में नई रणनीति बनाई और उस पर अमल किया। अगले 5 दिन में मध्य प्रदेश नया इतिहास लिखेगा।
कल भाजपा बुलाएगी अपने प्रत्याशी
गुरुवार को हुई कांग्रेस उम्मीदवारों की बैठक के बाद अगले शनिवार को भाजपा भी अपने उम्मीदवारों और जिला अध्यक्षों की बैठक मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित कर हरी है। भाजपा भी अपने प्रत्याशियों को मतगणना के दौरान किस सतर्क रहने के टिप्स देगी। पार्टी ने सभी प्रत्याशियों और जिलाध्यक्षों को आठ दिसंबर को भोपाल पहुंचने के लिए संदेश भेज दिया है।
सिंधिया ने बनाई दूरी, उनकी फोटो भी नहीं लगी
कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी मध्य प्रदेश नेताओं की गुटबाजी को खत्म करने के कई बार संदेश दे चुके हों, लेकिन इन दावों की धरातल पर की पोल खुल ही जाती है। प्रदेश में विधानसभा चुनाव के नतीजों से पहले कांग्रेस में एक बार फिर बैनर सियासत शुरू हो गई है। सरकार बनने से पहले ही पीसीसी चीफ कमलनाथ नेतृत्व करते नजर आये। मंच पर लगे बैनर में मध्य प्रदेश से सिर्फ कमलनाथ की फोटो नजर आई। वहीं चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया की फोटो बैनर में शामिल नहीं की गई, बल्कि सिंधिया भी इस बैठक में शामिल नहीं हुए, जिसको लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है।
मुख्यमंत्री बनने की बात टाल गये
बैठक में सिंधिया की फोटो नहीं होने पर भी चर्चाएं होती रहीं। हालांकि मुख्यमंत्री बनने के सवाल को कमलनाथ ज्यादा कुछ नहीं बोले। कमलनाथ से मीडिया ने फिर से मुख्यमंत्री बनने के संबंध में सवाल किया तो वह बोले, सीएम पद की जब मुझे चिंता नहीं है तो आपको क्यों है। उन्होंने कहा अब शिवराज सिंह के मुख्यमंत्री पद के अगले 3-4 दिन बचे हैं, इसलिए वो जो बोलना चाहते हैं बोलें। हालाकि यह चर्चा गर्म रही कि कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने के कारण सिंधिया नहीं पहुंचे।
बैठक में आमने-सामने सिंधिया-नाथ समर्थक
भोपाल पहुंचे प्रत्याशियों में से कुछ ने जब कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाने की मांग की तो सिंधिया समर्थक भी आगे आये और सिंधिया को युवा चेहरा बताते हुए उन्हें सीएम बनाने की मांग कर दी। एक के बाद एक प्रत्याशियों ने सिंधिया के लिए लॉबिंग शुरू कर दी।
चुनाव में क्या 100 पार का नारा लगाएंगे : झा
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा ने मप्र विधानसभा के लिए भाजपा द्वारा तैयार नारे अबकी बार-200 पार के बारे में बात की। 200 पार का नारा कार्यकर्ताओं में जान फूंकने के लिए दिया था। झा ने कहा कि चुनाव में नारा क्या 100 पार का लगाएंगे, नारा तो 200 पार का ही लगाएंगे ना। झा ने कहा प्रदेश में अच्छी वोटिंग पर फायदा भाजपा को ही होगा। उन्होंने कहा- मैंने कोई सर्वे देखा नहीं, और जनता ने अपना वोट दे दिया है, जमीन की सच्चाई भाजपा के पक्ष में है। मैं कोई ज्योतिष तो हूं नहीं।
लापरवाह 5 कलेक्टरों पर गिरेगी गाज
ईवीएम समय पर न पहुंंचने, सीसीटीवी बंद होने, कैंटीन में डाकपत्र मिलने जैसी लापरवाही वाले जिलों के कलेक्टर का निपटना तय है। सागर और खरगोन, अनूपपुर, खंडवा और भोपाल में ईवीएम को लेकर कई लापरवाही सामने आई। कही देरी से ईवीएम पहुंची तो कही 1 स्ट्रांग रूम के बाहर की लाइट बंद मिली, तो कही पुलिस मुख्यालय में पोस्टल बैलेट मिलने का मामला सामने आया। इसको लेकर खूब बवाल भी मचा था और कांग्रेस ने चुनाव आयोग से भी शिकायत की थी।
इन कलेक्टरों को हटाने की मांग
सागर कलेक्टर आलोक कुमार, खंडवा कलेक्टर विशेष गढ़पाले,अनूपपुर कलेक्टर अनुग्रह पी, खरगोन कलेक्टर शशिभूषण सिंह, भोपाल कलेक्टर सुदाम खाड़े।
कर्जमाफी का प्लान तैयार हुआ
कांग्रेस को पूरा भरोसा है कि वह मप्र चुनाव में विजयी हो रही है। इसलिए नतीजे आने से पहले ही किसानों की कर्जमाफी का ब्लूप्रिंट तैयार कर लिया है। पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम के साथ मिलकर कांग्रेस के नेताओं दिल्ली में बैठक कर इस पर काम किया है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की घोषणा अनुसार मप्र में कांग्रेस की सरकार बनने पर 10 दिन के भीतर किसानों का कर्ज माफ करना है। प्रदेश पर वर्तमान में करीब पौने दो लाख करोड़ रुपए का कर्जा है। कर्जमाफी के ब्लूप्रिंट में 2 लाख तक का कर्जा माफ करने की योजना है। कर्जमाफी के दायरे में सहकारी और राष्ट्रीयकृत बैंक दोनों आएंगे। कर्जमाफी से राज्य पर करीब 60 हजार करोड़ रुपए का वित्तीय भर आएगा। कर्जमाफी के ब्लूप्रिंट में माफी के लिए राशि जुटाने का जरिया भी शामिल है। रणनीतिकारों ने कर्जमाफी का ब्लूप्रिंट तैयार करने से पहले मप्र सरकार की वित्तीय हालत का भी अध्ययन किया है। इसके लिए वित्त विभाग से कुछ आंकड़े भी लिए गए। यदि कांग्रेस सरकार में आती है तब किसानों का कर्जमाफी बड़ी चुनौती होगी। अभी तक भाजपा चुनावों में यह आरोप लगाती आ रही है कि पंजाब एवं कर्नाटक में कांग्रेस ने किसानों का कर्जा माफ नहीं किया। यही वजह है कि कांग्रेस लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर किसानों की कर्जमाफी करेगी।

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