भोपाल,कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने विधानसभा चुनाव के प्रचार से किनारा कर लिया है। सभी पार्टियों ने प्रचार को लेकर कमर कस ली है। कांग्रेस की ओर से प्रचार की कमान जहां खुद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने संभाली है, वहीं पार्टी के बड़े नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने हल्के-फुल्के अंदाज में ही सही, लेकिन प्रचार से किनारा करने का ऐलान किया है।
दिग्विजय ने भोपाल में उनसे मिलने पहुंचे कांग्रेस के कार्यकर्ताओं से कहा, जिसको टिकट मिले, चाहे वह दुश्मन ही क्यों ना हो, उसे जिताओ। मेरा काम तो केवल एक है कि कोई प्रचार नहीं, कोई भाषण नहीं। उन्होंने आगे कहा, ‘मेरे भाषण देने से कांग्रेस के वोट कट जाते हैं, इसलिए मैं अब जाता ही नहीं।’ गौरतलब है कि दिग्विजय इन दिनों प्रदेश की राजनीति में उस तरह खुलकर सामने नहीं हैं, जितना उनके कद के किसी नेता को होना चाहिए। वह वर्तमान में प्रदेश कांग्रेस की समन्वय समिति के अध्यक्ष भले ही हों, लेकिन प्रचार की जिम्मेदारी पूरी तरह ज्योतिरादित्य सिंधिया और कमलनाथ ने संभाल रखी है। दिग्विजय सिंह ने मध्य प्रदेश में बसपा और कांग्रेस के गठबंधन पर अपने बयान में कहा था कि मायावती सीबीआई के डर से गठबंधन में शामिल नहीं हो रही हैं। इसके बाद मायावती ने दिग्विजय के इसी बयान को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। मायावती ने दिग्विजय सिंह को संघ का एजेंट बताते हुए कहा कि सोनिया और राहुल गांधी के ईमानदार प्रयासों के बावजूद उनके जैसे कुछ नेता नहीं चाहते कि कांग्रेस-बसपा गठबंधन हो।