हिजबुल आतंकी के दो साथियों की ATS कर रहा तलाश

लखनऊ, उत्तर प्रदेश के आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) को कानपुर से पकड़े गए हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी के दो साथियों की सरगर्मी से तलाश है। यह वही लोग हैं जो उससे मिलने आया करते थे। हिजबुल आतंकी गणेश चतुर्थी के मौके पर हमले की साजिश रच रहा था और पकड़ा गया था।
एटीएस के महानिरीक्षक असीम अरूण ने बुधवार को यहां बताया कि असम निवासी कमर उज जमां ने पुलिस रिमांड पर पूछताछ के दौरान खुलासा किया कि उसे मिलाकर तीन लोग कानपुर के शिवनगर मोहल्ले में किराये के मकान में रह रहे थे। कमर को 13 सितंबर को गिरफ्तार किया गया। उसके दो साथी पकडे नहीं जा सके क्योंकि वे एटीएस के छापे के दो दिन पहले ही वहां से चले गये थे। आईजी ने कहा कि हम दोनों की तलाश कर रहे हैं। जम्मू कश्मीर पुलिस की भी मदद ली गयी है। उम्मीद है कि वे जल्द पकड़े जाएंगे। उन्होंने कहा कि हमने गिरफ्तार आतंकी के बारे में जो जानकारी हासिल की, उसके मुताबिक वह 2008 में द्वीप देश रिपब्लिक आफ पलाउ गया था, जो फिलीपीन्स के निकट है। उसके पहले वह नरमपंथी था लेकिन चार साल पहले जब वापस लौटा तो एकदम बदला हुआ था।
आईजी ने बताया कि कमर बाद में कश्मीर गया और वहां कपडे बेचे। जून 2017 में वह अपने साथी उसामा बिन जावेद के साथ भूमिगत हो गया। अप्रैल 2018 में वह अचानक सुर्खियों में आया, जब उसकी एके 47 लिये हुए फोटो फेसबुक पर आयी। उसने माना कि वह फोटो उसी ने पोस्ट की थी। साथ ही दावा किया कि वह हिजबुल का है। आईजी एटीएस ने बताया कि गिरफ्तारी से पहले की उसकी गतिविधियों का ब्यौरा जुटाया जा रहा है। हमें पता लगा है कि वह 12 दिन के लिए असम गया था और वहां छिप कर रहा था। उसने कश्मीर से धन लेकर स्मार्टफोन खरीदा। उसने अपने आकाओं से बात की और कानपुर आकर रहने लगा। कमर के मोबाइल फोन पर कानपुर के एक मंदिर की वीडियो मिली। उसके मोबाइल फोन से यह भी पता चला कि वह किस तरह इलाके की रेकी कर रहा था।

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