न्यूयार्क, अमेरिकी टेनिस स्टार सेरेना विलियम्स की कामयाबी के पीछे उनके माता-पिता का भी अहम योगदान रहा है। सेरेना की मां ने गर्भावस्था में ही उसे टेनिस की कहानियां सुनानी शुरु कर दीं थीं। 26 सितंबर 1981 को मिशिगन में जन्मी सेरेना को उसके जन्म से पहले ही उसके पिता टेनिस खिलाड़ी बनाना चाहते थे और उन्होंने अपनी पत्नी ओराकेन को उनकी गर्भावस्था के दौरान ही टेनिस से जुड़ी किताबें पढ़ने के लिए दीं, टेनिस के मैच दिखाए और महान खिलाड़ियों के किस्से सुनाए। यही वजह है कि टेनिस का खेल जैसे सेरेना के डीएनए में समा गया और इसी के साथ उन्होंने महिला टेनिस का नया इतिहास लिखा।
सेरेना के जन्म के कुछ समय बाद ही उनका परिवार केलिफोर्निया के कांप्टन में जाकर बस गया और नन्ही सेरेना ने तीन साल की उम्र में ही टेनिस खेलना शुरू कर दिया। पिता ने सेरेना और उसकी बड़ी बहन वीनस को घर पर ही पढ़ाने का फैसला किया ताकि उनकी टेनिस की प्रैक्टिस पर असर न पड़े। सेरेना और वीनस अब टेनिस के गुर सीख गई थीं और उन्हें बेहतर प्रशिक्षण की जरूरत थी, लिहाजा परिवार ने फ्लोरिडा में वेस्ट पाम बीच जाने का फैसला किया, जहां रिक मैसी की टेनिस अकादमी में उन्हें अतिरिक्त प्रशिक्षण मिलने लगा। सेरेना ने जूनियर टूर्नामेंट में शानदार खेल दिखाना शुरु कर दिया। यहां एक बार फिर उनके पिता ने एक अहम फैसला किया और सेरेना को जूनियर टूर्नामेंट्स में जाने से रोक दिया। इसकी एक वजह तो यह थी कि वह अपनी बेटियों की पढ़ाई को लेकर चिंतित थे और साथ ही उन्हें अपनी बेटियों के साथ रंगभेद किए जाने की भी आशंका थी।
उस समय सेरेना दस साल से कम उम्र की खिलाड़ियों में पहले नंबर पर थी और टूर्नामेंटों में उसका रिकार्ड 46-3 का था। 1995 में दोनो बहनों को मैसी की अकादमी से हटा लिया गया और उनके प्रशिक्षण का पूरा जिम्मा उनके पिता ने संभाल लिया। उस समय सेरेना नौवीं कक्षा में थी. सेरेना की कद काठी और मजबूत डीलडौल को देखते हुए उनके पिता ने उन्हें आक्रामक खेल के लिए प्रेरित किया और मुश्किल हालात को आसान बनाकर जीतने का हुनर सिखाया। अपने लिए अलग रास्ता बनाने का अंदाज उन्होंने अपने पिता से सीखा।