गुनाह दुष्कर्म सजा फांसी कानून बने 8 साल एक भी दुष्कर्मी को नहीं मिली फांसी

भोपाल,बलात्कार के मामले में केंद्र और राज्य सरकारों ने फांसी की सजा का कानून तो बना दिया है। किंतु पिछले 8 वर्षों में मध्यप्रदेश में दुष्कर्म और हत्या के मामले में 34 आरोपियों को फांसी की सजा न्यायालयों ने सुनाई है। किंतु किसी भी आरोपी को आज दिन तक फांसी पर नहीं चढ़ाया जा सका है।
दुष्कर्मियों ने दुष्कर्म करने के बाद कई बच्चियों और महिलाओं की हत्या कर दी थी। हत्या के मामले में पहले उन्हें फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है। किंतु अमल कहीं पर भी नहीं हो पा रहा है। जिसके कारण दुष्कर्म के आरोपियों पर जो कानून का खौफ होना चाहिए वह नहीं बन पा रहा है।
उल्लेखनीय है इंदौर में 4 साल की बच्ची के साथ गैंगरेप के आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है। फांसी माफी की याचिका राष्ट्रपति भी खारिज कर चुके हैं। लेकिन अभी तक ब्लेक वारंट जारी नहीं होने से दुष्कर्मियों को फांसी की सजा नहीं मिल पाई।
कुछ मामलों में जल्दबाजी में अदालतों ने फांसी की सजा तो सुना दी हैं। किंतु उसमें तकनीकी खामियों के कारण उच्च न्यायालयों ने उन पर रोक लगा रखी है। जिसके कारण रेप के मामले में फांसी के प्रावधान होने के बाद भी किसी भी अभियुक्त को अभी तक फांसी नहीं मिल पाने से महिलाओं में असुरक्षा और बढ़ रही है। इस दिशा में केन्द्र एवं राज्य सरकारों को विशेष ध्यान देने की जरूरत है।

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