10 साल बाद आरबीआई ने खरीदा सोना, बढ़ सकते है दाम

नई दिल्ली, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने लगभग एक दशक में पहली बार सोना खरीदा है। आरबीआई की ओर से सोना खरीदा जाना स्पष्ट तौर पर दर्शाता है कि आने वाले दिनों में सोने की मांग बढ़ने से इसके दामों में तेजी देखी जा सकती है। दरअसल ब्याज दरों में वृद्धि से नियमित आय वाले बॉन्ड के रिटर्न में नरमी आ रही है।
30 जून को खत्म हुए वित्त वर्ष 2017-18 में आरबीआई ने 8.46 मीट्रिक टन सोना खरीदा है। रिजर्व बैंक की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, उसके सोने का रिजर्व 566.23 मीट्रिक टन तक पहुंच गया है। इससे पहले आरबीआई ने नवंबर 2009में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से 200 मेट्रिक टन सोना खरीदा था। पिछले 9 साल से भी अधिक समय से रिजर्व बैंक का सोने का रिजर्व 556.75 मीट्रिक टन था। आरबीआई की ओर से आईएमएफ को दी गई जानकारी की माने तो भारतीय रिजर्व बैंक ने दिसंबर 2017 के बाद से सोने की खरीदारी शुरू की। 30 जून 2018 के आंकड़ों के अनुसार, रिजर्व बैंक का सोने का रिजर्व 566.23 मीट्रिक टन था। आरबीआई द्वारा सोने की खरीदारी को महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि आरबीआई एक्ट के तहत इसकी इजाजत होने के बावजूद, वह सोने की ज्यादा खरीदारी नहीं करता। ईटी की रिपोर्ट के अनुसार अर्थशास्त्रियों का मानना है कि ब्याज दरें बढ़ने के दौर में सोने की खरीद से भारतीय मुद्रा भंडार को मजबूती मिलेगी। अमेरिकी राजस्व विभाग के आंकड़ों के अनुसार, भारतीय रिजर्व बैंक ने अप्रैल से जून के दौरान करीब 10 अरब डॉलर की सिक्योरिटीज की बिक्री की है। एक्सिस बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री सौगत भट्टाचार्य ने कहा, ‘हो सकता है कि आरबीआई ने एसेट्स की विविधता के लिए भी सोने की खरीदारी की होगी। साथ ही वैश्विक स्तर पर अस्थिरता बढ़ रही है। बाजारों में अस्थिरता है। ब्याज दरों में लगातार वृद्धि हो रही है।’ बढ़ती यील्ड के चलते आईबीआई का बॉन्ड पोर्टफोलियो गड़बड़ा सकता है।

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