नई दिल्ली, केंद्रीय मानव संशाधन मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा है कि आपातकाल के अध्याय को विस्तार के साथ पाठ्यक्रमों में शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ियां आपातकाल के काले युग को जान सकें, इसके लिए यह जरूरी है।
जावडेकर ने कहा, ‘हमारी पढ़ाई की किताबों में आपातकाल से जुड़े अध्याय और संदर्भ हैं लेकिन हम अपने पाठ्यक्रम में इस बात को भी शामिल करेंगे कि किस तरह आपातकाल के काले युग ने लोकतंत्र को प्रभावित किया। इससे आने वाली पीढ़ियां इसके बारे में जान सकेंगी।’ इससे पहले अरुण जेटली ने एक फेसबुक पोस्ट में इंदिरा की तुलना हिटलर से करते हुए लिखा है कि दोनों ने ही संविधान की धज्जियां उड़ाईं। उन्होंने आम लोगों के लिए बने संविधान को तानाशाही के संविधान में तब्दील कर दिया।
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 25 जून 1975 की आधी रात को देश में आपातकाल लागू कर दिया था। यह 21 मार्च 1977 तक जारी रहा। उस दौरान तमाम विपक्षी नेताओं को जेलों में डाल दिया गया। प्रेस की आजादी छीन ली गई और नागरिक अधिकारों का खुलकर दमन हुआ। उस दौर को भारतीय लोकतंत्र का काला युग कहा जाता है।