नई दिल्ली,सुप्रीम कोर्ट ने 19 राष्ट्रीय लॉ विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में प्रवेश के लिए क्लेट -2018 काउंसलिंग के फर्स्ट राउंड में दखल देने से इंकार कर दिया है। 10 जून को शुरू हुई फर्स्ट राउंड की काउंसलिंग शुक्रवार को समाप्त हो जाएगी। न्यायमूर्ति यूयू ललित और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की खंडपीठ ने क्लेट 2018 में तकनीकी खामियों का सामना करने वाले छात्रों की 15 जून से पहले क्षतिपूर्ति करने के लिए नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ एडवांस्ड लीगल स्टडीज (एनयूएएलएस) को निर्देश दिया है। पीठ ने क्लेट 2018 परीक्षा करने वाली एनयूएएलएस को शिकायत निवारण समिति द्वारा बताए गए उपाय के आधार पर संशोधित सूची 16 जून तक लाने और उत्तीर्ण छात्रों को काउंसलिंग के सेकंड राउंड में शामिल करने का निर्देश दिया है।
13 मई को हुई परीक्षा में तकनीकी खामी की शिकायत मिलने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 11 जून को क्लेट परीक्षा-2018 दोबारा कराने या काउंसलिंग प्रक्रिया रोकने से इंकार कर दिया था। न्यायालय ने जीआरसी को परीक्षा के दौरान तकनीकी खामी के कारण छात्रों के समय के नुकसान का समाधान निकालने का निर्देश दिया था। अदालत ने शिकायतों के निस्तारण के लिए 25 मई को केरल उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश एमआर हरिहरन नैयर की अध्यक्षता में प्रोफेसर संतोष कुमार के साथ जीआरसी का गठन किया था। जीआरसी को आए 400 शिकायतों का मूल्यांकन कर 15 जून से पहले उनका निस्तारण करना है। जीआरसी ने कहा है कि तकनीकी खामी के कारण जिन छात्रों को परेशानी हुई है,परीक्षा में उनके सभी सही और गलत उत्तरों के आंकड़े निकालकर क्षतिपूरक अंक दे दिए जाएं। क्लैट परीक्षा में 54,464 अभ्यर्थियों ने 19 लॉ विश्वविद्यालयों, कॉलेजों में प्रवेश पाने के लिए भाग लिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने फर्स्ट राउंड की काउंसिलिंग में दखल देने से किया इनकार
