कर्नाटक के चुनावी दौरे पर अमित शाह ने कहा सिद्धारमैया सरकार ने मठ और मंदिरों का किया अपमान

कलबुर्गी,चुनावी राज्य कर्नाटक के दौरे पर पहुंचे बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने विवादित संगठन पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया और एसडीपीआई के बहाने कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि जिस तरह से पीएफआई और सोशल डिमोक्रैटिक पार्टी ऑफ इंडिया के खिलाफ चल रहे सभी मुकदमों को वापस लिया गया है, वह राज्य की कांग्रेस सरकार की एक तरफा कार्रवाई को दिखाता है। उन्होंने कहा कि सिद्धारमैया सरकार ने मठों और मंदिरों के साथ अन्याय किया है। राज्य में बीजेपी कार्यकर्ताओं की हत्या की गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है। कलबुर्गी में आयोजित एक सम्मेलन में उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में हर बूथ से नौ कार्यकर्ता चुने गए हैं। ये चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का काम करने वाले है। जिस प्रकार कर्नाटक में जनता का उत्साह देखने को मिल रहा है,उससे यह निश्चित हो गया है इस बार कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने जा रही है। उन्होंने वादा किया कि इसी साल खरीफ के सीजन से हम किसानों की आय दोगुना करने वाले है। इसके तहत इसी साल खरीफ के सीजन से न्यूनतम समर्थन मूल्य दौगुना हो जाएगा।
कांग्रेस अध्यक्ष के आरोपों पर अमित शाह ने कहा, राहुल गांधी के राजनीति में उतरने के बाद बीजेपी ने पंजाब के चुनाव को छोड़कर सारे जीते हैं। जहां तक बात नीरव मोदी की है तो सीबीआई और ईडी ने उनके खिलाफ अबतक की सबसे कठोर कार्रवाई की है। उनके जेवर जब्त कर लिए गए हैं और बैंक अकाउंट सील कर दिए गए हैं। शाह ने कहा,कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार हर मोर्चे पर विफल रही है। चाहे वह विकास हो या कानून व्यवस्था। सिद्धारमैया सरकार और भ्रष्टाचार एक दूसरे का पर्याय बन गई है। हैदराबाद के युवकों ने सिद्धारमैया सरकार को तीन डी दिया है। पहला-धोखा, दूसरा-दादागिरी और तीसरा-परिवारवाद की राजनीति। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के संसदीय क्षेत्र की हालत बेहद खराब है।’ उन्होंने कहा कि कर्नाटक में बीजेपी सरकार बनेगी।
शाह ने दावा किया कि तीन तलाक विधेयक को केंद्र सरकार को मुस्लिम महिलाओं का पूरा समर्थन हासिल है। बीजेपी सरकार इसके खिलाफ कानून जरूर लाएगी,इसमें कोई संदेह नहीं है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक सरकार किसानों के हितों की रक्षा करने में सफल नहीं रही जिसकी वजह से आत्महत्या की घटनाएं बढीं। बीजेपी सरकार बनने पर हम महादायी परियोजना का हल निकाल कर लोगों को इसका लाभ दे। बता दें, विवादित संगठन पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर केंद्र सरकार प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रही है। इस संगठन के लोगों पर आतंकी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है। एनआईए सहित केरल,तमिलनाडु और कर्नाटक पुलिस इस संगठन के कई लोगों के खिलाफ गंभीर मामलों में जांच कर रही है। हालांकि पीएफआई खुद को एक गैर सरकारी संगठन बताता है। इस संगठन पर कई गैर-कानून गतिविधियों में शामिल रहने का आरोप है। गृह मंत्रालय का कहना है कि इस संगठन के लोगों के संबंध जिहादी आतंकियों से हैं,इसके साथ ही इस पर इस्लामिक कट्टरवाद को बढ़ावा देने का आरोप है। गृह मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि पीएफआई के खिलाफ उनके पास पर्याप्त सबूत हैं।

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