गांव में 9 साल से नहीं है बिजली,फिर भी आ रहे बिल,ग्रामीणों को चिमनी जलाकर काटना पड़ रहीं रातें

अशोकनगर,क्षेत्र की बदहाल विद्युत व्यवस्था से लोग काफी परेशान हैं। आसपास के ग्रामों में बिजली रहे या न रहे, हर महीने मनमाना बिल विभाग द्वारा जरुर भेज दिया जाता है। ऐसा ही हाल नईसरायं ब्लॉक के अन्तर्गत आने वाले ग्राम रुसल्ला खुर्द का है। बिजली विभाग द्वारा गांव में खंबे लगाकर हाईटेंशन लाइन तो खींच दी हैं, लेकिन ट्रांसफार्मर न रखा होने के कारण इनमें करंट नहीं दौड़ रहा है। जिसके कारण गांव में बीते नो सालों से अंधेरा छाया हुआ है।
ग्रामीणों ने बताया कि हमारे गांव में डीपी नहीं है। जिसकी व्यवस्था हेतु विद्युत वितरण कम्पनी में कई बार आवेदन भी दे चुके हैं। लेकिन विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई। अपितु बिजली बिल नियमित रूप से जुर्माना जोड़कर भेजे जा रहे हैं। लाइट न होने के कारण गांव में से लोगों को मोबाइल चार्ज करने के लिए भी शहर की ओर भागना पड़ता है। ग्रामीण बूंन्देल सिंह, गेंदालाल, प्रेमनारायण शर्मा आदि ने बताया कि 3 नबम्वर 2008 से गांव की बिजली बंद पड़ी हुई है। बिजली विभाग को कई बार जानकारी दे चुके हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। बिजली विभाग के अधिकारी कहते हैं कि गांव के सभी लोग 10-10 हजार रुपये जमा कर दो तो ट्रांसफार्म रखवा दूंगा। लाइट नहीं होने से गांव में अधेरा है और सिंचाई न हो पाने के कारण फसल भी सूख रही है। सारी रात लालटेन के सहारे गुजारनी पड़ती है। ग्रामीण लखन सिंह, बाबूसिंह, रामसिंह आदि ने बताया कि बिजली कंपनी ने किसी पर आठ हजार तो किसी पर दस हजार या उससे अधिक के बिल बकाया निकाल दिए हैं। बिजली विभाग द्वारा लाइट जोड़ने की जगह बिल बड़ा दिए जाते हैं। जिसकी शिकायत करने ग्रामीण मंगलवार को कलेक्ट्रेट जनसुनवाई में भी आये हुए थे। लेकिन अचार संहिता के कारण जनसुनवाई नहीं हुई और उन्हे मायूस होकर वापिस लौटना पड़ा।
पढ़ाई हो रही प्रभावित:
ग्रामीणों ने बताया कि लाइट न होने के कारण चिमनी और लालटेन के सहारे रात काट रहे हैं। साथ ही बच्चों की शिक्षा भी प्रभावित हो रही है। ग्रामीणों ने बताया कि आने वाले एक, दो महीनों छात्रों की परीक्षाएं शुरु हो जाएगीं। लेकिन गांव में लाइट नहीं है जिससे वह परिक्षाओं की तैयारी भी सही से नहीं कर पा रहे हैं। रात भर मच्छर काटते रहते हैं। जिससे बीमार होने का भी डर बना रहता है। लाइट न होने के कारण राते के अंधेरे में कुछ दिखाई नहीं देता है। वहीं जहरीले कीड़ों का भी डर बना रहता है। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में जब कोई कार्यक्रम होता है तो उजाले के लिये काफी परेशान होना पड़ता है।

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