जोहानिसबर्ग में सीरीज का आखिरी मैच कल से रहाणे, भुवनेश्वर और जडेजा हो सकते हैं शामिल

जोहानिसबर्ग,यहां बुधवार से दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शुरु हो रहे तीसरे और अंतिम टेस्ट मैच में टीम इंडिया किसी प्रकार जीत हासिल कर 3-0 की हार से बचने उतरेगी। पहले दो टेस्ट में टीम इंडिया को करारी हार झेलनी पड़ी थी। इन दोनो मैचों में भारतीय टीम की बल्लेबाजी नकाम रही थी हालांकि गेंदबाजों ने अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाई थी। इस मैच में भारतीय टीम में बदलाव भी हो सकते हैं। बल्लेबाजी को मजबूती देने के लिए आजिंक्य रहाणे को शामिल किया जाना तय माना जा रहा है। इस मैच में अंतिम ग्यारह खिलाड़ियों का चयन कप्तान विराट कोहली के लिए आसान नहीं होगा। तीसरे टेस्ट के लिए अंतिम ग्यारह में कई बदलाव हो सकते हैं। भुवनेश्वर की वापसी की उम्मीद की जा रही है। ऐसे में पहले दोनों टेस्ट में शामिल तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह को बाहर बैठना पड़ेगा। वहीं रहाणे लगातार नेट पर अभ्यास कर रहे हैं। पिछले 2 दिन में उन्होंने चार लंबे अभ्यास सत्रों में भाग लिया और उनका खेलना तय लग रहा है। इसके पीछे कारण यह है कि सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा चार पारियों में 78 रन ही बना सके हैं। ऐसे में अगर रहाणे टीम में आते हैं तो रोहित को बाहर होना पड़ेगा।
कोहली ने लगातार 34 टेस्ट में कभी भी एक एकादश नहीं उतारी है। इस मैच में भी बदलाव देखने को मिलेंगे। अश्विन ने नेट पर बल्लेबाजी नहीं की जबकि जडेजा ने लंबा अभ्यास किया। भारत अगर एक स्पिनर को लेकर उतारता है तो जडेजा को मौका मिल सकता है। बिना स्पिनर के 6 बल्लेबाजों को लेकर उतरने पर कोहली हरफनमौला तेज गेंदबाज के रूप में हार्दिक पंड्या को उतार सकते हैं। पार्थिव पटेल का खराब फार्म के बावजूद खेलना तय माना जा रहा है।
कोहली के लिए कुल मिलाकर हालात एकदम बदल गए हैं। 6 महीने पहले उन्होंने टीम को श्री लंका पर 3-0 से जीत दिलाकर इतिहास रचा था। अब वह 3-0 से सीरीज हारने की कगार पर खड़े हैं। अभी तक दक्षिण अफ्रीकी जमीन पर कोई भारतीय टीम 3-0 से सीरीज नहीं हारी है। टीम अगर 3-0 से हारती है तो भी नंबर एक टेस्ट रैंकिंग नहीं गंवाएगी। केप टाउन में पहला टेस्ट 72 रन और सेंचुरियन में दूसरा टेस्ट 135 रन से जीतने के बाद मेजबान टीम सीरीज पहले ही अपने नाम कर चुकी है।
वहीं दूसरी ओर दक्षिण अफ्रीका का मनोबल बढ़ा हुआ है और उसका लक्ष्य इस मैच को जीतकर 3-0 से सीरीज जीतना रहेगा। सलामी बल्लेबाज एडेन मार्कराम दूसरे टेस्ट में जांघ में लगी चोट के बाद लौटेंगे। वैसे दक्षिण अफ्रीका अपनी बेंच स्ट्रेंथ को भी आजमा सकता है क्योंकि इसके बाद उसे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज खेलनी है। वैसे सेंचुरियन टेस्ट के बाद दक्षिण अफ्रीका के कप्तान फाफ डु प्लेसिस ने संकेत दिए थे कि उनकी नजरें नंबर वन रैंकिंग पर है। इसके लिए उन्हें भारत को 3-0 से हराने के अलावा ऑस्ट्रेलिया को भी 2-0 से मात देनी होगी। ऐसे में वह पुरानी टीम को भी उतार सकते हैं।
आंकड़ों पर नजर डालें तो भारत का पलड़ा कमजोर है।
भारत 1992 से अब तक 6 बार दक्षिण अफ्रीका का दौरा कर चुका है और 1996-97 में सचिन तेंडुलकर की कप्तानी में 2-0 से हारा था। 2006 के बाद से पिछले 3 दौरों पर एक टेस्ट जीतने या ड्रॉ कराने में कामयाब रहा है। वांडरर्स पर भारत का रेकॉर्ड अच्छा रहा है। भारत ने इस मैदान पर 4 टेस्ट (नवंबर 1992 , जनवरी 1997, दिसंबर 2006 और दिसंबर 2013) खेले हैं और एक भी गंवाया नहीं है। भारत ने यहां 2006 में राहुल द्रविड़ की कप्तानी में टेस्ट जीता था, जिसमें श्रीसंत ने 99 रन देकर 8 विकेट लिए थे।
दोनो टीमें इस प्रकार हैं।
भारत : विराट कोहली ( कप्तान ), शिखर धवन, मुरली विजय, केएल राहुल, चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्य रहाणे, रोहित शर्मा, ऋधिमान साहा, हार्दिक पंड्या, आर अश्विन, रविंद्र जडेजा, भुवनेश्वर कुमार, इशांत शर्मा, उमेश यादव, मोहम्मद शमी, जसप्रीत बुमराह, पार्थिव पटेल।
दक्षिण अफ्रीका : फाफ डु प्लेसिस ( कप्तान ), डीन एल्गर, एडेन मार्कराम, हाशिम अमला, तेम्बा बावुमा, थेनिस दे ब्रूने, क्विंटन डि काक, केशव महाराज, मोर्ने मोर्कल, क्रिस मौरिस, वेर्नोन फिलैंडर, कागिसो रबाडा, एंडिले फेलुकवायो, लुंगी गिडि, डुआने ओलिवियर।

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