छिंदवाड़ा,सौंसर के बोरगांव में सवा करोड़ रुपए से अधिक की लागत से बनाए गए बहुद्देशीय वाणिज्य कृषि सेवा केंद्र के घटिया निर्माण की शिकायत लोकायुक्त में की गई है। यह सेवा केंद्र पिछले दो वर्षों से लावारिस हालत में पड़ा है। मंडी बोर्ड भोपाल के द्वारा इसे सहकारी समितियों की खरीदी के लिए बनवाया गया था। सूत्र बताते हैं कि सहकारी समिति मैनेजर ने इसे पजेशन में लेने से मना कर दिया है और इसका कारण घटिया और अधूरा निर्माण बताया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार मंडी बोर्ड ने सहकारी समितियों की खरीदी आदि के लिए बोरगांव में इस केंद्र का निर्माण करवाया है। निर्माण के बाद से यह लावारिस हालत में पड़ा है। यह लगभग दो एकड़ क्षेत्र में 1 करोड़ 34 लाख रुपए की लागत से बनाया गया है। इसका निर्माण क्षेत्र के ही ठेकेदार श्री गोयल ने किया है। निर्माण के बाद सहकारी समिति मैनेजर मुरलीधर कालबांडे को जब मंडी बोर्ड की ओर से इस केंद्र को हैंडओवर लेने कहा गया तो उन्होने मना कर दिया। उनका कहना था कि केंद्र की बाउंड्रीवाल अभी अधूरी है, इसके अलावा निर्माण भी घटिया है। इसे वे हैंडओवर नहीं ले सकते। निर्माण गुणवत्ता पूर्ण और पूरा होने के बाद ही वे इसे पजेशन में लेंगे। इसके बाद इसकी शिकायत लोकायुक्त में की गई है।
ऐसी है केंद्र की हालत
शिकायत में कहा गया है कि बहुद्देशीय वाणिज्य कृषि सेवा केंद्र प्रांगण में जो कांक्रीट बिछायी गई है वह भी घटिया है। उसमें लोहे की छड़ मारी गई तो वह आसानी से अंदर घुस गई। प्रांगण में गटर पर ढक्कन भी नहीं लगाए हैं, वे खुले पड़े हैं। इससे कभी भी कोई दुर्घटना घट सकती है। पानी टंकी निर्माण में भी घटिया सामग्री का उपयोग किया गया है। यहां शेड, प्रांगण, पानी की टंकी के साथ कार्यालय भवन आदि निर्माण करवाया गया है। दो वर्षों से इसका किसी प्रकार उपयोग नहीं हो पा रहा है। उपयोग और मेंटेनेंस के अभाव में यह और भी खराब होने लगा है।
:: इनका कहना है
बहुद्देशीय वाणिज्य कृषि सेवा केंद्र का निर्माण लगभग दो वर्ष पूर्व हो चुका है। सहकारी समिति मैनेजर को हैंडओवर के लिए कई बार कहा गया लेकिन उन्होने मना कर दिया। इसके पीछे क्या कारण है मेरी जानकारी में नहीं है।
– सुश्री भार्गव, इंजीनियर
कृषि उपज मंडी
कृषि सेवा केंद्र हैंडओवर के लिए कहा गया था लेकिन उसकी बाउंड्रीवाल पूर्ण नहीं थी साथ ही निर्माण भी घटिया हुआ है। हम उसे कैसे पजेशन में ले सकते हैं। इन सब कारणों के चलते हमने मना कर दिया।
– मुरलीधर कालबांडे
मैनेजर, सहकारी समिति, सौंसर