योगी आदित्यनाथ के विरूद्ध चल रहे मुकदमे वापस लेने का आदेश जारी

लखनऊ, उत्तर प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ चल रहे केस वापस लेने का आदेश जारी कर दिया है। प्रदेश में संगठित अपराधों की रोकथाम के लिए योगी सरकार ने 21 दिसंबर को यूपीकोका कानून का विधेयक विधानसभा में पेश किया था। उसी के साथ ही सरकार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केन्द्रीय मंत्री शिव प्रताप शुक्ल, विधायक शीतल पांडेय और 10 अन्य के खिलाफ 1995 के एक निषेधाज्ञा उल्लंघन मामले में धारा 188 में लगे केस को वापस लेने का आदेश भी जारी कर किया था। यह आदेश गोरखपुर जिलाधिकारी को केस वापस लेने के लिए दिया गया था। बुधवार को यह आदेश भेज भी दिया गया है।
बता दें कि यह मामला गोरखपुर के पीपीगंज पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था। इसमें स्थानीय कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था। इसके बावजूद आरोपी कोर्ट में पेश नहीं हुए थे। हालांकि अभियोजन अधिकारी गोरखपुर, बीडी मिश्रा ने कहा था कि अदालत ने इन सभी के खिलाफ एनबीडब्ल्यू का आदेश दिया था, वारंट जारी नहीं किए थे। अब योगी सरकार ने 20 दिसंबर को गोरखपुर जिला मजिस्ट्रेट को एक पत्र भेजा, जिसमें यह निर्देश दिया गया था कि अदालत के सामने मामला वापस लेने के लिए आवेदन दायर किया जाए। सरकार के आदेश में कहा गया है कि 27 अक्टूबर को जिला मजिस्ट्रेट से प्राप्त पत्र के आधार पर और मामले के तथ्यों की छानबीन के बाद सरकार ने इस मामले को वापस लेने का निर्णय लिया है। पत्र में योगी आदित्यनाथ, शिव प्रताप शुक्ला, शीतल पांडे और दस अन्य के नाम शामिल हैं।
एडीएम ने माना कि केस वापस लेने का आदेश मिला:-
गोरखपुर के अतिरिक्त जिलाधिकारी (एडीएम) रजनीश चंद्र ने मामले को वापस लेने की बात कही है। उन्होंने कहा है कि मामले को वापस लेने के लिए शासन से एक आवेदन पत्र प्राप्त हुआ है, जिसमें कहा गया है कि अभियोजन अधिकारी को उचित अदालत में केस वापसी का आवेदन पत्र दर्ज कराने के लिए कहा जाए।
1995 में दर्ज हुआ था मामला:-
पीपीगंज पुलिस स्टेशन के रिकॉर्ड के अनुसार, आईपीसी की धारा 188 के अंतर्गत योगी आदित्यनाथ और 14 अन्य लोगों के खिलाफ 27 मई-1995 को मामला दर्ज किया गया था। यह मामला जिला प्रशासन द्वारा निषेधाज्ञा लागू होने के बाद भी शहर में एक बैठक आयोजित करने के लिए दायर किया गया था। एफआईआर दर्ज कराए जाने के बाद जिला प्रशासन ने आरोपों से संबंधित सभी दस्तावेजों को सौंपा और स्थानीय अदालत में मामला दर्ज कराया। अदालत ने सभी अभियुक्तों को सम्मन जारी किया था। बहरहाल, अब एडीएम ने कहा है कि राज्य सरकार का पत्र उनके पास आ गया है। प्रशासन सर्दियों की छुट्टी के बाद अदालत में वापसी आवेदन दाखिल करेगी। बता दें कि 21 दिसंबर को योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा से कहा था कि 20 हजार जनप्रतिनिधियों के ऊपर लगे केस वापस लिए जाएंगे। इसकी शुरुआत उन्होंने स्वयं से की है।

 

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