गुर्गों के पकड़े जाने के बाद अंडरवर्ल्ड ने बदला धन विदेश भेजने का रास्ता

मुंबई,अंडरवर्ल्ड के लोग अब तक हवाला के माध्यम से धन का लेन-देन किया करते थे, लेकिन हाल के दिनों में कई गुर्गों के पकड़े जाने के बाद अंडरवर्ल्ड ने अपनी रकम विदेश भिजवाने का रास्ता बदल दिया है। क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी ने बताया कि अब यदि किसी को धन मुंबई से दुबई भेजना है, तो इसके लिए वह सीधे दुबई में बैठे अपने व्यक्ति को फोन नहीं करेगा। मुंबई से वह व्यक्ति दक्षिण अफ्रीका फोन करेगा और फिर दक्षिण अफ्रीका वाला व्यक्ति लंदन या ईरान में अपने नेटवर्क से जुड़े किसी व्यक्ति से संपर्क करेगा। फिर वहां से दुबई में हवाला कारोबारी को फोन लगाया जाएगा। कुछ दिनों पहले सीनियर इंस्पेक्टर अजय सावंत, संजीव धुमाल, सचिन कदम और अरविंद पवार की टीम ने रवि पुजारी गिरोह के पांच लोगों को गिरफ्तार किया था। उनसे पूछताछ में यह कहानी उजागर हुई है। कमालुद्दीन और इसरानी नामक आरोपियों ने क्राइम ब्रांच अधिकारियों को जो कहानी सुनाई, उसका सार यह था कि कमालुद्दीन रवि पुजारी के हफ्ते की रकम इकट्ठा करता था और इसरानी को जाकर देता था। फिर अलग- अलग देशों के नेटवर्क से दुबई में किसी राजू भाई को संपर्क किया जाता था। फिर रवि पुजारी का आदमी वहां आकर राजू भाई से रकम लेता था।
जांच अधिकारियों को शक है कि यह कहानी का पूरा सच नहीं है, इसलिए इसरानी के मोबाइल डाटा की पूरी पड़ताल की जा रही है। क्राइम ब्रांच का मानना है कि रवि पुजारी दुबई में है ही नहीं। वह खुद के ऑस्ट्रेलिया में होने का दावा करता रहता है। यदि उसके दावे में सच्चाई है, तो सवाल यह है कि वहां उस तक रकम कैसे पहुंचती होगी। माना जा रहा है कि इसके लिए भी हवाला का ही सहारा लिया जाता है। क्राइम ब्रांच का मानना है कि राजू उसका मूल नाम नहीं है, इसलिए दुबई वाले इस हवाला कारोबारी का मूल नाम पता करने की कोशिश की जा रही है। इस बात की भी जानकारी निकाली जा रही है कि इस राजू से रकम लेने वाले रवि पुजारी के आदमी का असली नाम क्या है।
इसरानी के साथ जिस कमालुद्दीन को पकड़ा गया है, उसे कई साल पहले भी हथियारों से जुड़े मामले में गिरफ्तार किया गया था। कमालुद्दीन ने पूछताछ में बताया कि उसका पिता पहले छोटा राजन गिरोह में था। पिता की अब मौत हो गई है। रवि पुजारी उन दिनों राजन के लिए ही काम करता था। बाद में दोनों अलग-अलग हो गए। कमालुद्दीन ने राजन के बजाय रवि पुजारी के साथ काम करने का फैसला किया। रवि पुजारी हर महीने कमालुद्दीन को 50 हजार रुपये देता था। उससे पूछताछ में ही यह भी पता चला कि उसके जैसे कई और लोग भी रवि पुजारी की हफ्ते की रकम इकट्ठा करते हैं और अलग-अलग हवाला कारोबारियों के जरिए इस डॉन तक पहुंचाते हैं।

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