पेंसिलवेनिया, एक अध्ययन में सामने आया है कि दिनभर थोड़ा-थोड़ा भोजन करने से ज्यादा खाने की आदत से छुटकारा पाया जा सकता है। वैज्ञानिकों ने कुछ लोगों के मस्तिष्क के अध्ययन के बताया कि जब हम किसी रेस्तरां में खाना आते हुए देखते हैं तो खुश क्यों हो जाते हैं, वहीं जब वह ऑर्डर किसी और के पास चला जाता है, तो इससे हम मायूस हो जाते हैं। वास्तव में, ऐसा हंगर न्यूरान की वजह से होता है। शोध से पता चला कि जैसे ही खाना टेबल पर आ रहा होता है, तो मस्तिष्क में मौजूद हंगर न्यूरॉन अपने आप बंद हो जाते हैं। जब ऑर्डर दूसरे टेबल पर चला जाता है, तो यह वापिस चालू हो जाते हैं। पेंसिलवेनिया यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने पाया कि दिनभर थोड़ा-थोड़ा खाने से हंगर न्यूरॉन को शांत किया जा सकता है। जिससे भूख भी ज्यादा नहीं लगेगी वही आपको मोटापे का सामना भी नहीं करना होगा।
वैज्ञानिकों ने खाना आने पर, उसकी खुशबू आने पर और खाना खाने पर मस्तिष्क की गतिविधियों पर शोध किया। मस्तिष्क में मौजूद हाइपोथैलेमस भूख से होने वाली गतिविधियों को कंट्रोल करता है। शोध में पाया गया कि मस्तिष्क में मौजूद हंगर न्यूरॉन खाने से मिलने वाली कैलोरी और पोषक तत्व से ही शांत होती है। इससे पहले एक चूहे पर किए गए शोध में यह पाया गया कि जब उसके सामने चूहे के द्वारा नहीं खाने वाला बिना कैलोरी जेल, स्ट्रोबेरी फ्लेवर का खाना सामने लाया गया तो उसके मस्तिष्क में कोई गतिविधि नहीं हुई। पर जब उसके सामने कैलोरी युक्त जैल लाया गया तो उसके मस्तिष्क में न्यूरॉन एक्टिविटी देखी गई।
ज्यादा खाने से परेशान हैं, तो थोड़ा-थोड़ा खाइए कई बार
