भूकंप से डोली उत्तराखंड की धरती, दिल्ली, हरियाणा, उप्र तक महसूस किए झटके,रिक्टर स्केल पर 5.5 की थी तीव्रता

देहरादून,भूकंप के तेज झटकों के साथ बुधवार रात उत्तराखंड की धरती फिर से हिल उठी। राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 5.5 मापी गई। इसका केंद्र देहरादून से लगभग सवा सौ किलोमीटर दूर स्थित अतिसंवेदनशील रुद्रप्रयाग जिले के अगस्त्यमुनि ब्लाक के तोलियों गांव में था। भूकंप के झटके हरियाणा, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और उत्तर प्रदेश के सहारनपुर तक महसूस किए गए।
भूकंप के तेज झटकों से उत्तराखंड भर में शहरों से लेकर गांवों तक लोग घरों से बाहर निकल आए। हर ओर अफरा-तफरी की स्थिति बन गई। प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार देर रात तक किसी तरह के नुकसान की सूचना नहीं थी। शासन स्तर पर सभी जिलाधिकारियों को अलर्ट रहने को कहा गया है। उधर, सर्वाधिक संवेदनशील केदारपुरी में भूकंप के झटकों से वहां रह रहे चार सौ से अधिक लोग रातभर दहशत में रहे। वीरवार से चमोली जिले के गैरसैंण में विधानसभा के शीत सत्र के लिए वहां मौजूद मंत्री, विधायक और अधिकारी भी भूकंप के झटकों के बाद कमरों से बाहर निकल आए। गढ़वाल और कुमाऊं क्षेत्र में बुधवार रात आठ बजकर 50 मिनट और इसके कुछ क्षण बाद भूकंप के लगातार दो झटके महसूस किए गए। राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार भूकंप का केंद्र रुद्रप्रयाग जिले के अगस्त्यमुनि ब्लाक स्थित तोलियों गांव के पास कार्तिक स्वामी मंदिर के पीछे की पहाड़ी पर 30 किमी की गहराई में था।
बताया कि फिलहाल किसी भी जिले में भूकंप से किसी प्रकार के नुकसान की सूचना नहीं है। भूकंप के लिहाज से राज्य के अति संवेदनशील जनपदों में सभी जिलाधिकारियों को अलर्ट पर रखा गया है। अधिकारी देर रात तक आपदा नियंत्रण कक्ष से स्थिति पर नजर बनाए हुए थे। अस्थायी राजधानी दून में भी लोग भूकंप के झटकों से घरों से बाहर आ गए। रात की पाली में काम करने वाले दफ्तरों में अफरा-तफरी का माहौल रहा। राज्य मौसम केंद्र के अनुसार भूकंप देशांतर पर 30.4 नॉर्थ और 79.1 ईस्ट में दर्ज हुआ है। भूकंप के 5.5 तीव्रता के पहले झटके के कुछ क्षण बाद 4.2 तीव्रता का दूसरा झटका महसूस किया गया।
पर्वतीय जिलों के दूरस्थ इलाकों में कई घरों में दरारें उभरने की सूचना मिल रही हैं। हालांकि आधिकारिक तौर पर कोई भी इसकी पुष्टि नहीं कर रहा है। रुदप्रयाग के जिलाधाकिरी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि जिले में किसी तरह के नुकसान की सूचना नहीं है। चमोली के जिलाधिकारी आशीष जोशी, उत्तरकाशी के जिलाधिकारी आशीष चौहान, टिहरी की जिलाधिकारी सोनिका व पौड़ी के जिलाधिकारी सुशील कुमार ने रात पौने बारह बजे जिले में जानमाल के नुकसान की खबर नहीं होने की जानकारी दी। बताया गया कि सीमांत जिलों में पुलिस व आइटीबीपी को अलर्ट पर रखा गया है। तहसीलदारों से गंगा व यमुना घाटी के दूरस्थ गांवों की रिपोर्ट मांगी गई है। देहरादून के जिलाधिकारी एसए मुरूगेशन ने भी किसी तरह की नुकसान की सूचना से इन्कार किया।
उधर, कुमाऊं में भी पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, बागेश्वर, चंपावत, नैनीताल व ऊधमसिंहनगर जिलों में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। हालांकि, वहां भी देर रात तक नुकसान की कोई सूचना नहीं थी। प्रदेश सरकार के प्रवक्ता एवं कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि सरकार ने सभी डीएम और एसएसपी को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं। आपदा कंट्रोल रूम से पल पल की जानकारी ली जा रही है। हर परिस्थिति से निबटने को सरकार पूरी तरह तैयार है।
भूकंप के झटके आते ही अफसरों के फोन घनघनाने लगे। सीमांत जिलों में जिलाधिकारियों ने कंट्रोल रूम पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। इस दौरान आपदा से जुड़े विभागों को अलर्ट रहने को कहा गया। रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने भी अफसरों के साथ देर रात तक बैठक ली। वहीं, विस सत्र के मद्देनजर गैरसैंण पहुंचे चमोली के जिलाधिकारी आशीष जोशी, पुलिस अधीक्षक तृप्ति भट्ट ने देर रात तक अफसरों के साथ बैठक की।

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