बच्चियों से बलात्कार के दोषी को फांसी का विधेयक सर्वसम्मति से पारित

भोपाल,अब प्रदेश में 12 साल से कम उम्र की बच्चियों के साथ दुष्कर्म या सामूहिक दुष्कर्म के मामले में अब फांसी तक की सजा हो सकेगी। इसके लिए सरकार द्वारा विधानसभा में पेश किए गए दंड विधि, मध्यप्रदेश संशोधन विधेयक सोमवार को सदन में सर्वस​​म्मति से पास हो गया। यह अब यह विधेयक राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पहल पर लाए गए इस विधेयक पर एक घंटे से अधिक समय तक चर्चा हुई। इसमें मुख्यमंत्री ने भी भाग लिया। श्री शिवराज ने कहा कि जिसमें मानवता नहीं, वह मानव नहीं माने जा सकते। रेप करने वाले पिशाच होते हैं। मासूमों के साथ रेप करने वाले धरती पर जीने के लायक नहीं। बलात्कारियों को फांसी के फंदे पर लटका देना चाहिए। विधेयक को अनुमति प्राप्त हो इसके लिए राष्ट्रपति से प्रयास करेंगे।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि महिलाएं विशेषकर बेटियों की सुरक्षा एक चिंता का विषय है और इसी को लेकर सोमवार को मप्र विधानसभा ने एक एतिहासिक विधेयक पास किया है, जिसमें 12 साल की कम उम्र की बेटियों के साथ दुराचार करने वाले आरोपियों को फांसी की सजा देने का प्रावधान किया गया है। इसी के साथ ही सीएम ने कहा कि छेडछाड के मामलों को गैर जमानती किया गया है और दुबारा से छेडछाड करने पर 10 साल की सजा का प्रावधन इस विधेयक में किया गया है। इसी के साथ साथ बेटियों का पीछा करने वाले आरोपियों के खिलाफ भी सख्त प्रावधान इस विधेयक में किया गया है। कानूनी प्रावधान के साथ साथ समाज में नैतिक आंदोलन चलाया जाएगा। सीएम ने ​कहा कि अगले सत्र में जन सुरक्षा विधेयक भी लेकर आएंगे। उन्होंने कहा कि बेटियों का पीछा किया जा रहा है। फिज़िकल और इंटरनेट के जरिए पीछा किया जाता है। इंटरनेट वरदान है तो इसका दुरुपयोग भी तेजी से हो रहा है। इसके लिए एक नैतिक आंदोलन चलाने की भी जरुरत है। सीएम ने कहा कि विपक्ष की आपत्तियों पर जनसुरक्षा कानून में विचार करेंगे। कम उम्र के अनाथ बच्चों को किराए के मकान में रखने के निर्देश कलेक्टर को देंगे।
-कांग्रेस विधायक ने उठाये सवाल
इसके पहले इस मुददे पर चर्चा करते हुए कांग्रेस विधायक रामनिवास रावत ने कहा कि कुछ महिलाएं इतनी एक्सपर्ट है कि कानून का दुरुपयोग करती है। एक महिला 6-6 लोगों के खिलाफ शिकायत करती है। कांग्रेस विधायक गोविन्द सिंह ने कहा कि कानून का दुरूपयोग होगा। उन्होंने भिंड में इसके दुरुपयोग का उदहारण दिया। इसके साथ ही अरुणा शर्मा के लेख का हवाला भी दिया।
-ऐसा कठोर क़ानून बनाने वाला मप्र पहला राज्य
सदन में पेश हुए विधेयकों में दंड विधि संशोधन विधेयक सबसे महत्वपूर्ण है। मध्यप्रदेश देश में पहला ऐसा राज्य है जो दुष्कर्म को लेकर इतने कठोर प्रावधानों से जुड़ा विधेयक सदन में पास कराया है। इस संशोधन विधेयक में महिला अपराध तथा 12 वर्ष से कम उम्र की बच्चियों के साथ दुष्कर्म की धाराओं में संशोधन करते हुए दुष्कर्म पर मृत्युदंड या आजीवन कारावास की सजा हो सकेगी। इसके अलावा विवाह करने का झांसा देकर संबंध बनाने और उसके खिलाफ शिकायत प्रमाणित होने पर तीन साल की सजा का प्रावधान नई धारा जोड़कर किया जा रहा है। विधेयक में जमानत के प्रावधानों को भी और अधिक कड़ा बनाया जा रहा है।

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