मेडीकल एडमिशन मामले में हाईकोर्ट ने जमकर लगाई फटकार

जबलपुर, मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधिपति आरएस झा एवं न्यायाधिपति श्रीमती नंदिती दुबे की युगलपीठ ने मेडीकल एडमिशन में हुई धांधली पर जमकर लताड़ लगाई। एडमिशन को लेकर जिस तरह की अनियमितताएं और धांधली युगलपीठ के पीठ के समक्ष आई उससे वे भी हैरान रह गए। युगलपीठ ने संचालक चिकित्सका शिक्षा की तरफ से मौजूद अधिकारियों को खूब लताड़ लगाई। सुनवाई के दौरान युगलपीठ को बताया गया कि जांचोपरांत एनआरआई कोटे के ११४ में १०७ एडमिशन वैंâसिल कर दिये गये हैं। इसे रिकार्ड पर लेते हुये युगलपीठ ने कहा कि नॉन-डेमोसाईल स्टुडेण्ड को कैसे एडमिशन दिया गया है इसकी विस्तृत जानकारी दी जाए। यह भी बतायें कि बार-बार प्रवेश नियम क्यों और वैâसे बदले गए?
एनआरआई कोटे धांधली और नॉन डेमोसाईल स्टुडेंड का प्रवेश दिये जाने के मामले में आज हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। अदालत खचाखच भरी हुई थी। खुली अदालत में सुनवाई करते हुए युगलपीठ ने अपना कड़ा रुख दिखाया और पूछा कि ये सब कैसे हुआ? निजी कॉलेजों को भी जमकर फटकार लगाई। कई घंण्टे चली बहस के बाद महाधिवक्ता पुरुषेन्द्र कौरव ने विस्तृत जवाब पेश करने की बात कही। उन्होंने कहा कि कोर्ट के सामने डेट वाईस तमाम जानकारियां पेश की जाएंगी।
गौरतलब है कि मेडीकल शिक्षा के सत्र २०१७-१८ के प्रवेश में काफी धांधलियां हुई हैं। योग्य छात्रों को दरकिनार करते हुए कम अंक प्राप्त छात्रों को एनआरआई कोटे से एडमिशन दे दिया गया। यही नहीं प्रदेश कोटे से बाहरी छात्रों को भी सीटें बेंच दी गई। इस आरोप वाली अनेक याचिकाओं पर सुनवाई चल रही है। उभय पक्षों को सुनने के बाद युगलपीठ ने सभी को डिटेल रिप्लाई और पक्ष रखने का निर्देश दिया है।

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