जेल में बंद हुए घोडे और गधे, मालिक की माफी पर हुई रिहाई

जालौन, उप्र में जब विधानसभा चुनाव हो रहे थे तब गधों को लेकर खासी चर्चा चुनावी मंचों से हुई थी, लेकिन अब एक बार फिर गधे चर्चा में हैं। दरअसल अभी तक आपने अपराध करने के बाद इंसानों को जेल में बंद होने की बात देखी-सुनी होगी। जिले में जब छुट्टा घूमने वाले घोड़ों व गधों ने जेल परिसर केे कीमती पेड़ पौधों को नुकसान पहुंचाया तो उन्हें जेल की हवा तक खानी पड़ गयी। जेल अधीक्षक के निर्देश पर दो घोड़ों व दो गधों को पकडकर कारागार में तीन दिन तक बंद रखा गया। बाद में जानवरों के मालिक की ओर से शपथ पत्र दिया गया तब सोमवार शाम इन जानवरों को छोडा गया।
उरई जिला कारागार अधीक्षक तुलसी राम शर्मा के मुताबिक जेल परिसर को सुसज्जित करने के मकसद से लगभग पांच लाख रूपये के पेड पौधे कारागार परिसर में रोपे गये थे। उन्होंने बताया कि पेड पौधों की रखवाली के लिए जेल के एक कर्मचारी को तैनात किया गया था लेकिन जरा सी चूक होने पर छुटटा घोडों एवं गधों ने पेडों को क्षति पहुंचायी। जेल अधीक्षक ने कहा कि उनके आदेश पर जानवरों को कारागार में बंद कर दिया गया। मालिक कमलेश को अपने घोडों एवं गधों को छुडाने के लिए बाकायदा शपथ पत्र देना पडा। इस काम में उसे एक स्थानीय नेता की मदद भी लेनी पडी। जिला प्रशासन के अधिकारी हालांकि घटना से अनभिज्ञता जता रहे हैं।

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