जबलपुर, कांग्रेस अब मिशन 2018 को लेकर बेहद गंभीर नजर आ रही है। पिछले दिनों भोपाल में चली मैराथन बैठक और कार्यकर्ताओं के खुले मंच के बाद मध्यप्रदेश के नये प्रभारी दीपक बवरिया ने यह फैसला सुनाया है कि कांग्रेस के संगठन को मजबूत बनाने के लिये कुछ कड़े फैसले लिये जायेंगे। साफ-साफ पॉलिसी तय कर दी गई है कि किसी भी नेता के दोनों हाथों में लड्डू नहीं होंगे, लड्डू एक ही हाथ में होगा, जो सत्ता की राजनीति करने के इच्छुक हैं वे संगठन का पद छोड़ दें और सत्ता की लड़ाई में लग जायें और जो संगठन की राजनीति करने के इच्छुक हैं वे सत्ता की लड़ाई की इच्छा न रखें, पंद्रह दिन के अंदर-अंदर सभी को यह विचार करने के लिए कहा गया है। जिन लोगों ने चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है उनसे कहा गया है कि पंद्रह दिनों के अंदर संगठन का पद छोड़ दें लेकिन इसकी कोई गारंटी नहीं है कि उन्हें टिकट मिल ही जायेगी। जो लोग संगठन में काम करने की इच्छुक हैं उनसे कहा गया है कि अपने अपने जिलों में पूरा समय दें और प्रभार वाले जिले में दौरा करने जायें। बैठक में यह भी तय किया गया है कि जो लोग दो बार चुनाव हार चुके हैं उन्हें किसी भी कीमत पर टिकट नहीं दी जायेगी और पिछला चुनाव जो लोग लंबे मतों से हारे हैं उन्हें भी कोई मौका नहीं दिया जायेगा। अधिक से अधिक नये चेहरोंं को मौका दिया जाएगा।