पद्मावती के विवादित दृश्य हटाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका खारिज

नई दिल्‍ली,विवादित फिल्म पद्मावती को लेकर वकील एमएल शर्मा की और से दाखिल की गई याचिका को आज सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया मुख्य न्यायाधीश वाली पीठ ने कहा की फिल्म को अभी तक सेंसर बोर्ड का सर्टिफिकेट भी मिला है ऐसे में वह इस मामले को हस्तछेप के योग्य नहीं मान रही है,याचिकाकर्ता वकील एमएल शर्मा ने अपनी याचिका में इस फिल्म से विवादित दृश्य हटाने और निर्माता और निर्देशक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की थी. याचिका में कहा गया कि जानबूझकर एक महिला की मानहानि की जा रही है। पद्मावती फिल्म एक दिसंबर को रिलीज होने वाली थी, लेकिन अब निर्माताओं की ओर से फिल्म के प्रदर्शन की तिथि को आगे बढ़ा दिया गया है। यह किस तारीख पर सिनेमाघरों में उतरेगी, यह फिलहाल तय नहीं है।
‘पद्मावती’ के प्रदर्शन को लेकर चल रहे विवाद पर अपनी खामोशी तोड़ते हुए राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखी है। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी को चिट्ठी लिखकर आग्रह किया है कि पद्मावती फिल्म तब तक प्रदर्शित नहीं की जानी चाहिए, जब तक कि इसमें जरूरी बदलाव नहीं किए जाते। किसी भी समुदाय की भावनाओं को चोट नहीं पहुंचाई जानी चाहिए।
करणी सेना के विरोध प्रदर्शन के बीच हाल ही में सेंसर बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन ने भी फिल्म को लेकर आपत्ति जताई है। सेंसर बोर्ड ने फिल्म ‘पद्मावती’ को देखने से फिलहाल इंकार कर दिया। तकनीकी कमियों का हवाला देते हुए बोर्ड ने फिल्म का आवेदन लौटा दिया है। सेंसर बोर्ड अध्यक्ष प्रसून जोशी ने कहा रिव्यू के लिए इसी सप्ताह फिल्म का आवेदन बोर्ड को मिला है। फिल्म के निर्माताओं ने खुद स्वीकार किया है कि उनका आवेदन अधूरा है। फिल्म काल्पनिक है या ऐतिहासिक यह भी बताया नहीं गया है। प्रसून जोशी ने कहा ऐसे में बोर्ड पर प्रक्रिया को टालने का आरोप लगाना सरासर गलत है।

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