भारत,ऑस्ट्रेलिया,जापान और अमेरिका की आपसी समझ बढ़ाने की रणनीति से खफा चीन बोला उसे निशाना बनाने का प्रयास सफल नहीं होगा

मनीला,हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की गतिविधियों की काट के लिए भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका ने फिलीपींस की राजधानी मनीला में पहली वार्ता की। हिंद और प्रशांत महासागर में सैन्य मौजूदगी बढ़ा रहे चीन को रोकने के लिए इन चारों देशों ने प्रस्तावित चार-पक्षीय गठजोड़ पर चर्चा की। इसमें रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हिंद-प्रशांत क्षेत्र को मुक्त, खुला व समावेशी बनाने और साझा हितों को बढ़ावा देने से जुड़े मुद्दों पर बातचीत हुई। इस पर चीन भड़क गया है। वह दक्षिण चीन सागर के लगभग पूरे हिस्से पर अपना दावा करता है, जबकि वियतनाम, फिलीपींस, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान इसका विरोध करते हैं। अमेरिका रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण भारत-प्रशांत क्षेत्र में भारत की बड़ी भूमिका का समर्थन करता है। अब उसने चीन के इस दखल को रोकने के लिए जापान, ऑस्ट्रेलिया और भारत के साथ मिलकर समूह बनाने की कोशिशें तेज कर दी हैं। यूं तो इस चतुष्कोणीय गठजोड़ का विचार 10 साल पहले आ गया था। हालांकि अब तक यह धरातल पर उतर नहीं पाया। ऐसे में यह ताजा घटनाक्रम इसके जल्द पूरा होने की उम्मीद जगाता है। पिछले दिनों जापान के विदेश मंत्री तारो कोनो ने भी कहा था कि जापान इस रणनीतिक भागीदारी को और मजबूत बनाने को लेकर बातचीत का समर्थन करता है। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में इस नए गठजोड़ की कोशिशों ने चीन को भड़का दिया है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जेंग शुआंग ने कहा, संभावित प्रस्ताव की सफलता के लिए यह सभी प्रासंगिक पक्षों के लिए खुला और समावेशी होना चाहिए। उसने कहा कि इस मामले में किसी तीसरे देश को निशाना बनाने के लिए राजनीति नहीं बननी चाहिए।

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