डिजिटल गांव से बिजली गुल,आधे लोग नहीं कर पा रहे डेबिट कार्ड का उपयोग

भोपाल, प्रदेश के पहले डिजिटल गांव बड़झिरी में बिजली का टोटा बना हुआ है। वर्तमान में इस गांव महज 2 घंटे ही बिजली रह पाती है। इस गांव में 2000 ग्रामीणों के बैंक खाते खोलकर उन्हें डेबिट कार्ड प्रदान किए गए थे जिनका 50 फीसदी लोगों ने आज तक कोई उपयोग ही नहीं किया। स्थानीय गांववासी मुकेश तिलक की माने तो उनके गांव में करीब 10 दुकानें है। इसमें कुछ दुकाने बड़ी है जिसमें किराना और जनरल स्टोर, जूते और मोबाइल की दुकानें भी शामिल हैं। इन दुकानों से 500 स्र्पए से लेकर 1000 स्र्पए तक का भी सामान खरीदो तो कैश ही मांगा जाता है। एक साल पहले इन दुकानों को पीओएस मशीने दी गई थी जिसमें से अधिकांश तो खराब हो गई और जिनके पास है उन्होंने उसे कपड़े में लपेटकर रख दिया है। कभी कोई बड़ा व्यक्ति आए तो दिखाने के लिए यह मशीन बाहर निकाल ली जाएगी।
गौरतलब है कि वित्तमंत्री ने ग्रामीणों को स्मार्ट फोन और ग्राम पंचायत के सरपंच को कम्प्यूटर भेंट किया था। मलैया ने डिजिटल ग्राम की घोषणा के बाद पॉइन्ट ऑफ सेल मशीन से कार्ड स्वाइप कर नजदीक के किराना स्टोर से चावल भी खरीदा था। गांव के रहने वाले सुमेर ने बताया कि इस लाइट के मामले में यहां काफी परेशानी होती है। वहीं मुकेश ने बताया कि विगत दिनों उनके गांव का ट्रांसफार्मर जल गया। इसकी बिजली कंपनी के पास शिकायत दर्ज कराई लेकिन कोई नहीं आया। दूसरे दिन सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की लेकिन कोई नहीं आया। सीएम हेल्पलाइन में करीब 100 शिकायतें की गई तब जाकर बिजली कंपनी के कर्मचारियों ने आकर ट्रांसफार्मर सुधारा। हालांकि उनसे जब ट्रांसफार्मर का लोड बढ़ाने के लिए कहा गया तो उन्होंने मना कर दिया। राजधानी के समीप ही स्थित इस गांव में बिजली के यह हाल दीया तले अंधेरा वाली कहावत को चरितार्थ कर रहे हैं।

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