शिवराज विरोधियों के निशाने पर गरीब के घर रात बिताना दिखावटी,कार्यकर्ताओं ने पहले से चीजें घर पहुंचाई

चित्रकूट,विधानसभा उपचुनाव को लेकर नया बवाल शुरू हो गया है। एक दिन पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान यहां प्रचार के बाद रात में एक गरीब के घर रूके थे। उनके यहां रूकने को लेकर विपक्ष ने इसे जनता को भ्रमित करने का हथकंडा बताया है। चित्रकूट उपचुनाव के लिए कांग्रेस और भाजपा ने पूरी ताकत झोंक रखी है। मुख्यमंत्री चौहान खुद चित्रकूट में तीन दिन से जमे हैं। इस दौरान उन्होंने कई सभाएं करके भाजपा सरकार का गुणगान किया है। चुनाव प्रचार के बाद आराम करने वह तुर्रा गांव में एक आदिवासी के घर पर रूके। उन्होंने आदिवासी के घर ही खाना भी खाया। लेकिन, उनके ठहरने के लिए किए गए इंतजामों पर सवाल उठने लगे हैं।
मुख्यमंत्री ने अपनी हर सभा में कहा कि उन्हें क्षेत्र में रूकने के लिए किसी गेस्ट हाउस की जरूरत नहीं है, वो आदिवासी के घर रुककर उनकी समस्याओं को जानना चाहते हैं। लेकिन, सीएम तुर्रा गांव के लालमन सिंह गोंड के यहां रुकने वाले थे, वहां पहले ही उनके समर्थकों ने वीवीआईपी इंतजाम कर दिए थे। इस पर विपक्षी कांग्रेस ने सवाल उठाए है।
आदिवासी के घर चने का साग, आलू-बैंगन का भर्ता
मुख्यमंत्री ने लालमन के यहां रात में खाना खाया। पत्तल में चने का साग, आलू-बैंगन का भर्ता और पूरी का इंतजाम था। उनके वहां पहुंचने से पहले मुख्यमंत्री के इस्तेमाल की हर चीज पैक कराके मंगवाई गई। कमरे में रंग रोगन हुआ, नया पलंग गद्दे आए और शौचालय भी बनाया गया। हालांकि भाजपा प्रवक्ता डॉ. हितेष बाजपेई का कहना है कि ये तस्वीरें लालमन के घर की नहीं है, बल्कि उनके घर के बगल की हैं। चूंकि लालमन के घर में पर्याप्त कमरे नहीं थे, इसलिए एक रिटायर्ड पोस्टमास्टर के बंद घर को खुलवाकर उसमें साफ सफाई करवाई गई। मुख्यमंत्री के लिए यहीं सभी इंतजाम किए गए थे।
कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा- कोरा दिखावा
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने इस मुद्दे पर ट्वीट करते हुए लिखा कि शिवराज के आदिवासी के घर रात्रि विश्राम के दिखावे की हकीकत।
शिवराज के आदिवासी के घर रात्रि विश्राम के दिखावे की हकीकत। नया शौचालय, नया पलंग, गद्दे, करीने की सजावट, वेटर परोस रहे भोजन…शर्मनाक।
चित्रकूट में थमा प्रचार, मतदान 9 को
चित्रकूट में उपचुनाव को लेकर मंगलवार शाम को प्रचार अभियान थम गया। यहां 9 नवंबर को मतदान होगा। कांग्रेस विधायक प्रेम सिंह के निधन के बाद यहां चुनाव हो रहे हैं। इलाके में 40 फीसदी ब्राह्मण वोटरों को लुभाने कांग्रेस-भाजपा दोनों ने दांव ब्राह्मण उम्मीदवार पर ही लगाया है।

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